केन्द्रीय मंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं, मीडिया संस्थानों आदि ने वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या पर शोक जताया है. वहीं, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक की हत्या को ‘कायराना कृत्य’ करार देते हुए कश्मीर की विचारशील आवाज को दबाने का प्रयास बताया.
वरिष्ठ पत्रकार एवं उनके दो पीएसओ की गुरूवार को आतंकवादियों ने श्रीनगर के लालचौक पर प्रेस एन्क्लेव स्थित उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
राजनाथ ने पत्रकार की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना कृत्य है. यह कश्मीर में विचारशील आवाज को दबाने का एक प्रयास है। वह एक साहसी और निर्भीक पत्रकार थे.' उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘उनकी मृत्यु से बहुत स्तब्ध और दुखी हूं.मेरी संवेदनाएं उनके शोक संतप्त परिवार के साथ हैं'
The killing of @RisingKashmir editor, Shujaat Bukhari is an act of cowardice. It is an attempt to silence the saner voices of Kashmir. He was a courageous and fearless journalist. Extremely shocked & pained at his death. My thoughts and prayers are with his bereaved family.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 14, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वरिष्ठ पत्रकार बुखारी की हत्या पर दुख प्रकट किया और कहा कि वह एक साहसी पत्रकार थे जो जम्मू कश्मीर में शांति के लिए निर्भीक होकर लड़ रहे थे.
राहुल ने ट्वीट किया, ‘राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या की खबर सुनकर दुखी हूं. वह बहादुर इंसान थे जो जम्मू-कश्मीर में न्याय और शांति के लिए निर्भीक होकर लड़ रहे थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के प्रति हैं. बुखारी की कमी महसूस होगी.’
I’m anguished to hear about the killing of Shujaat Bukhari, editor of @RisingKashmir. He was a brave heart who fought fearlessly for justice and peace in Jammu & Kashmir. My condolences to his family. He will be missed.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 14, 2018
अपने आंसुओं को थामने की कोशिश करतीं भावुक मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैं क्या कह सकती हूं. कुछ दिन पहले ही वह मुझसे मिलने आए थे.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘शुजात बुखारी के अचानक चले जाने से स्तब्ध और दुखी हूं. आतंकवाद की बुराई ने ईद की पूर्व संध्या पर अपना घिनौना चेहरा दिखाया है. मैं बर्बर हिंसक कृत्य की कड़ी निन्दा करती हूं और प्रार्थना करती हूं कि ईश्वर उनकी (बुखारी) आत्मा को शांति प्रदान करें.’
Shocked & deeply saddened by the sudden demise of Shujaat Bukhari. The scourge of terror has reared its ugly head on the eve of Eid. I strongly condemn this act of mindless violence & pray for his soul to rest in peace. My deepest condolences to his family.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 14, 2018
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गुरूवार को कहा कि ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक शुजात बुखारी की हत्या प्रेस की आजादी पर बर्बर हमला है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘शुजात बुखारी की हत्या प्रेस की आजादी पर बर्बर हमला है. यह कायराना और निंदनीय आतंकी कृत्य है. हमारा निर्भीक मीडिया हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और हम मीडियाकर्मियों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
Assassination of #ShujaatBukhari is a brutal attack on freedom of press. A cowardly and deplorable act of terror. Our fearless media is one of the greatest strength of our democracy and we are committed to provide a safe and conducive working environment to media persons.
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) June 14, 2018
केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि वह वरिष्ठ पत्रकार की हत्या के बारे में जानकर ‘बहुत दुखी’ हैं.
Deeply saddened to learn about the dastardly killing of @RisingKashmir editor #ShujaatBukhari. Such an attempt to suppress the sane voices by terrorists will never succeed.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 14, 2018
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी वरिष्ठ पत्रकार की हत्या को आतंकवादियों का एक कायराना कृत्य करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ की श्रीनगर में हत्या की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. आतंकवादियों का यह कृत्य निंदनीय और कायराना है.’
Shocked to hear about d attack on d Editor-in-Chief of Rising Kashmir Shujaat Bukhari in Srinagar. Reprehensible n condemnable cowardly act of d terrorists
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) June 14, 2018
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘उन्होंने (बुखारी) 2014 की बाढ़ के दौरान काफी अच्छा कार्य किया. वह एक अच्छे व्यक्ति थे. उनकी मृत्यु से हमने एक अच्छा पत्रकार और समाजसेवक खो दिया है.’
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘इतना स्तब्ध हूं कि शब्दों में बयां नहीं कर सकता. शुजात को जन्नत मिले और उनके प्रियजनों को इस मुश्किल घड़ी में ताकत मिले.’
Even in the last tweet he put out he was defending himself, his colleagues & his profession. He died in the line of duty doing what he did best & loved doing - journalism. #ShujaatBukhari https://t.co/xEA2hg2xp1
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 14, 2018
हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी बुखारी की हत्या की निंदा करते हुए इसे अक्षम्य अपराध बताया.
मीरवाइज ने ट्वीट किया, ‘शुजात बुखारी की हत्या की दुखद सूचना से शोकाकुल और स्तब्ध हूं. ऐसी अमानवीयता अक्षम्य और कठोरतम शब्दों में निंदनीय है. धरती के बहादुर सपूत, उनका जाना बहुत बड़ी क्षति है.’
human deeply concerned for his people. My heartfelt condolences to his bereaved family. Pray to almighty for his magfirat and place in Jannat
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) June 14, 2018
द एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने ट्वीट किया, ‘एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या की स्पष्ट रूप से निंदा करता है. यह प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक आवाज पर एक गंभीर हमला है.’
The Editors Guild of India unequivocally condemns the assassination of Rising Kashmir Editor Shujaat Bukhari. This is a grave attack on press freedom and democratic voices. We will be issuing a more detailed statement soon
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) June 14, 2018
गिल्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि पत्रकार पर हमला स्वतंत्र प्रेस और जीवंत लोकतंत्र की नींव की चुनौती देता है, खास तौर से जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में जहां यह काम आतंकवादियों ने किया है.
बयान के अनुसार, हाल के सप्ताहों में देश के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकारों को हिंसक धमकियां मिली हैं. बुखारी की हत्या, कश्मीर में मीडियाकर्मियों के लिए खराब होते हालात को और बदतर बनाती है.
कश्मीर एडिटर्स गिल्ड ने भी बुखारी की हत्या की निंदा की और इसे कायराना कृत्य करार दिया.
प्रेस क्लब आफ इंडिया ने एक बयान में कहा, ‘प्रेस क्लब आफ इंडिया इस निर्मम आतंकी हमले से स्तब्ध एवं दुखी है जिसमें रमजान के पवित्र महीने में शुजात बुखारी की जान चली गई.’
बयान में कहा गया, ‘शुजात बुखारी की जान लेने वाला आतंकी हमला दिखाता है कि पत्रकारों का जीवन बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के विरोध में रही ताकतों ने युक्ति, न्याय एवं शांति की बात करने वाली एक आवाज को खामोश कर दिया.’
इंडियन वूमन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन और फेडरेशन आफ प्रेस क्लब आफ इंडिया ने एक साझा बयान में मांग की कि जम्मू कश्मीर सरकार हत्या के जिम्मेदार ‘कू्र ताकतों’ को दण्डित करे.
उन्होंने कहा कि उनकी हत्या को घाटी में मीडिया एवं प्रेस की आजादी को कुचलने के एक अन्य प्रयास के रूप में ही देखा जा सकता है.
साझा बयान में कहा गया, ‘हम बुखारी के परिजनों एवं मित्रों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’
नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (इंडिया) ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों की सुरक्षा एक चिंता का विषय है तथा यह घटना राष्ट्र विरोधी एवं जन विरोधी गतिविधियों की निर्भीक कवरेज को बाधित करने का प्रयास है.
संस्था ने कहा, ‘एनयूजे (आई) इस बर्बरतापूर्ण कृत्य की कठोर निंदा करता है और मांग करता है कि दोषियों को यथाशीघ्र दबोचा जाए. हम राज्य में विभिन्न कार्यक्रमों को कवर करने वाले मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के बारे में विचार करने की भी मांग करते हैं.’
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