कांग्रेस के सांसद शशि थरूर एक बार फिर से विवादों में आ गए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि वो केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद मांगने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पास गए हैं और इसके लिए वो लगातार राज्य सरकार के सम्पर्क में है. लेकिन केरल सरकार ने उनके दावों को गलत बता दिया है और कहा कि वो सरकारी दूत नहीं है.
शशि थरूर ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'जेनेवा पहुंच गया हूं. यहां संयुक्त राष्ट्र और उससे जुड़ी संस्थाओं से केरल की बाढ़ पर मदद मांगेंगे. मदद मांगने या न मांगने का अधिकार भारत सरकार का है, लेकिन मैं यहां केरल के मुख्यमंत्री के सम्पर्क में हूं. यहां देखेंगे कि किस तरह की मदद मिल सकती है.'
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि शशि थरूर वहां उनके प्रतिनिधि के तौर पर में नहीं गए हैं और न ही वो सरकार के दूत हैं.
उधर शशि थरूर पर विपक्ष ने भी निशाना साधा है. बीजेपी ने थरूर पर गंभीर न होने का आरोप लगाया है. थरूर के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि उनका निर्वाचन क्षेत्र बाढ़ प्रभावित नहीं है. उनके पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने पिछले संबंधों का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र से मदद मांगी है.
ये विवाद और बढ़ सकता है. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जर्मनी और ब्रिटेन में एनआरआई को संबोधित करने वाले हैं. सूत्रों का कहना है कि शशि थरूर वहां राहुल गांधी के साथ जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को उन पर और निशाना साधने का मौका मिल सकता है. बीजेपी ये सवाल कर सकती है कि क्यों थरूर ने अपनी यात्रा रद्द नहीं की.
(न्यूज-18 के लिए पल्लवी घोष की रिपोर्ट)
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