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भारत में विज्ञान के बेहतर भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी, इस क्षेत्र में महिलाएं अभी भी अल्पसंख्यक: स्मृति ईरानी

अंग्रेजी, भारत और विश्व में वैज्ञानिक समुदाय की ‘साझा भाषा’ है. उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस से सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक कार्यों का अनुवाद कराने का आह्वान किया ताकि छात्र स्थानीय भाषा में उन्हें प्राप्त कर सकें

Updated On: Jan 05, 2019 08:24 PM IST

Bhasha

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भारत में विज्ञान के बेहतर भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी, इस क्षेत्र में महिलाएं अभी भी अल्पसंख्यक: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि भारत को यदि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में बेहतर भविष्य चाहिए तो उसे इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए उचित एवं आकर्षक भविष्य सुनिश्चित करना होगा. ईरानी ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक समानता को साकार करना अकेले महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है और पुरुषों को भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.

उन्होंने जालंधर में भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में कहा कि अंग्रेजी, भारत और विश्व में वैज्ञानिक समुदाय की ‘साझा भाषा’ है. उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस से सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक कार्यों का अनुवाद कराने का आह्वान किया ताकि छात्र स्थानीय भाषा में उन्हें प्राप्त कर सकें.

उन्होंने कहा, ‘क्या हम आपके (भारतीय विज्ञान कांग्रेस) मंच के जरिए हमारे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से यह आह्वान कर सकते हैं कि कुछ सर्वश्रेष्ठ विज्ञान जर्नल, नए वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुवाद करके उसे (न केवल) उच्चतर शैक्षिक संस्थानों के बच्चों बल्कि हाईस्कूल को भी मुहैया कराएं ताकि विज्ञान के लिए लगाव लड़के या लड़की में बहुत प्रारंभिक चरण में ही पैदा किया जा सके.’

उन्होंने कहा, ‘आपको यदि भारत के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में बेहतर भविष्य चाहिए तो आपको भारतीय महिलाओं के लिए विज्ञान में उचित एवं आकर्षक भविष्य सुनिश्चित करना होगा.’

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