Update5- मंगलवार को SC/ST एक्ट पर सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए, अपने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है और पुराने फैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पार्टियों को दो दिन में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले पर 10 दिन बाद फिर से सुनवाई होगी.
Supreme Court refuses to stay its order on SC/ST Act, asks all parties to submit detailed replies within two days; matter to be heard after 10 days. pic.twitter.com/2Is9Vosusa
— ANI (@ANI) April 3, 2018
Update4- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे इस एक्ट को लागू करने के तरीके के खिलाफ हैं न कि कानून के. कोर्ट ने कहा कि उन्हें पता है कि लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए. सुप्रीम कोर्ट इस एक्ट के तहत विभिन्न तरह के अपराधों पर किस तरह की कार्रवाई हो इस पर भी सफाई दे रही है.
Update3-सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार द्वारा दाखिल रिव्यू पिटीशन पर अपने फैसले को सुरक्षित रख सकती है.
Update2-सुप्रीम कोर्ट के शुरुआती टिप्पणी यह लग रहा है कि वो SC/ST एक्ट पर दिए अपने फैसले को बदलने के मूड में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार क्यों बिना किसी जांच-पड़ताल के किसी व्यक्ति को पकड़ना चाहती है.
Update1-सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम SC/ST एक्ट के खिलाफ नहीं हैं. बस हम ये चाहते हैं कि किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे लोगों ने फैसले को नहीं पढ़ा है.
SC/ ST Protection Act case: Supreme Court, while hearing the submissions by the Attorney General, observed, 'we are not against the Act. Innocent should not be punished.'
— ANI (@ANI) April 3, 2018
एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के अपने हालिया फैसले पर सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटिशन पर मंगलवार को सुनवाई हुई.
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करके कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. बीजेपी के कई सांसदों सहित कई दलों ने केंद्र सरकार के सामने यह मांग रखी थी कि वो इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करे.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में कई सामाजिक संगठन सामने आ गए है. संशोधन को समाप्त कर एक्ट को पहले की भांति रखने की मांग की जा रही है. अनुसूचित जाति और अनुसचित जनजाति के लोग इस एक्ट को शिथिल करने के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया था. जिसके बाद सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की खबरें आईं.
सोमवार को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों के आह्वान पर 'भारत बंद' बुलाया था. बंद ने हिंसक रूप ले लिया और देश भर में अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरे सामने आने लगी. हिंसक प्रदर्शन में अभी तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं. साथ ही हजारों लोगों की गिरफ्तारी भी हुई.
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