जस्टिस लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बड़ा बदलाव आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर लगे आदेश की मानें तो जस्टिस अरुण मिश्रा आगे से लोया मामले से जुड़ी हुई कोई पिटीशन नहीं सुनेंगे.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शाम को लगे ऑर्डर में कहा गया है, 'मामला उपयुक्त बेंच को सौंपा जाना चाहिए.' यहां स्पष्ट नहीं है कि अरुण मिश्रा इस मामले की सुनवाई के लिए 'उपयुक्त बेंच' हैं या नहीं हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये मामला किसी और बेंच के पास जा सकता है. आम तौर पर जब 'मामला उपयुक्त बेंच को भेजा जाए' जैसा आदेश लिखा जाता है, तो चीफ जस्टिस के सामने ये मामला जाता है. इसके बाद सीजेआई इसे रोस्टर के हिसाब से दूसरी बेंच को शिफ्ट करते हैं.
इस ऑर्डर का अर्थ निकाला जा रहा है कि ये मामला जस्टिस अरुण मिश्रा की जगह किसी दूसरे जज को दिया जा सकता है. क्योंकि जिन चार जजों ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेस कर आपत्ति की थी उनमें से जस्टिस चेलामेश्वर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं.
इस विवाद के बाद मंगलवार को सीजेआई दीपक मिश्रा ने बाकी जजों से 15 मिनट की मुलाकात की थी. इसके कुछ ही देर बाद जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच का ये फैसला इन मामलों में आगे बदलाव ला सकता है.
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