सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य बलों के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर और जम्मू कश्मीर में अभियान चलाने वाले सैन्य बलों के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाले 350 से ज्यादा सैन्यकर्मियों की याचिकाएं खारिज की हैं. इन दोनों राज्यों में सैन्य बल विशेष अधिकार कानून (अफ्सपा) लागू है.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ के समक्ष केंद्र ने अफ्सपा लगे इलाके में सैन्य बलों के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के खिलाफ इन याचिकाओं का समर्थन किया. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'एक व्यवस्था होनी चाहिए जहां आतंकवाद से मुकाबले के वक्त हमारे सैनिकों के हाथ बंधे नहीं हों.' इस पर पीठ ने उनसे कहा कि इस तरह की व्यवस्था करने से केंद्र को कौन रोक रहा है.
SC dismisses a plea filed by group of 350 Indian Army soldiers & Manipur police commandos against the SC judgement of allowing probe into alleged extra judicial killings in Manipur & against dilution of AFSPA protection shield to armed forces personnel in disturbed areas. pic.twitter.com/X1LQc0BnGt
— ANI (@ANI) November 30, 2018
पीठ ने कहा, 'ऐसी व्यवस्था बनाने से आपको किसने रोका है. इन मुद्दों पर आपको विमर्श करना है, अदालत को नहीं.'
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