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त्रिपुरा में NRC की मांग वाली अर्जी पर SC ने मांगा केंद्र से जवाब

इस अर्जी में यह कहा गया कि त्रिपुरा में गैरकानूनी तरीके से रहने वाले लोगों को बाहर निकाला जाना चाहिए

Updated On: Oct 08, 2018 12:59 PM IST

Bhasha

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त्रिपुरा में NRC की मांग वाली अर्जी पर SC ने मांगा केंद्र से जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए त्रिपुरा में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के कार्यान्वयन की मांग की गई है.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) की ओर से दायर अर्जी पर विचार किया. अर्जी में असम की तरह त्रिपुरा में भी एनआरसी की मांग की गई है. इस अर्जी में यह कहा गया कि राज्य में गैरकानूनी तरीके से रहने वाले लोगों को बाहर निकाला जाना चाहिए. ये वहां के स्थानीय लोगों के लिए समानता, व्यवसाय का अधिकार और जीने के अधिकार के खिलाफ है.

केंद्र सरकार ने 30 जुलाई को असम में एनआरसी सूची का दूसरा मसौदा प्रकाशित किया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए. असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा बीते 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरम्यानी रात प्रकाशित किया गया था.

20वीं सदी की शुरुआत से ही असम में बांग्लादेश से प्रवासियों के आने का सिलसिला चलता रहा है. असम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी की व्यवस्था लागू की गई है.असम में पहला एनआरसी 1951 में तैयार किया गया था.

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