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कुलभूषण जाधव मामला: आखिर कब तक सुनते रहेंगे नेताओं के बिगड़े बोल  

कुलभूषण जाधव को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने ऐसा विवादित बयान दे दिया कि इस पूरे मामले में ने अलग ही रंग ले लिया

Updated On: Dec 27, 2017 07:35 PM IST

Amitesh Amitesh

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कुलभूषण जाधव मामला: आखिर कब तक सुनते रहेंगे नेताओं के बिगड़े बोल  

पाकिस्तान की जेल में कथित रूप से जासूसी के मामले में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने ऐसा विवादित बयान दे दिया कि इस पूरे मामले में ने अलग ही रंग ले लिया.

नरेश अग्रवाल का कहना है कि ‘पाकिस्तान जाधव के साथ वैसा ही व्यवहार कर रहा है, जैसा कि किसी आतंकवादी के साथ होना चाहिए.’

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने (पाकिस्तान) कुलभूषण जाधव को अपने देश में आतंकवादी माना है, तो वो उस हिसाब से व्यवहार करेंगे. हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए, कड़ा व्यवहार करना चाहिए.’

हालांकि बवाल बढ़ने पर नरेश अग्रवाल ने अपने बयान से पल्टी भी मार ली. लेकिन, तबतक काफी देर हो चुकी थी. जुबान से बात निकल जाने के बाद इस पूरे मामले में नरेश अग्रवाल बुरी तरह से घिर गए.

गृह-राज्य मंत्री हंसराज अहीर से लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत बीजेपी के कई नेताओं ने नरेश अग्रवाल को घेरना शुरू कर दिया.

दरअसल, नरेश अग्रवाल का बयान और उस बयान की प्रासंगिकता खुद सवालों के घेरे में है. नरेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद है. मुख्य विपक्षी दल के तौर पर समाजवादी पार्टी की यूपी में तो पहचान है लेकिन, केंद्रीय स्तर पर इस वक्त एसपी हाशिए पर ही है. लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बात एसपी का कद भी इस बार कमजोर ही हुआ है. फिर भी उनके सांसद नरेश अग्रवाल का बड़बोलापन कम होने का नाम ही नहीं लेता. संसद के भीतर हो या बाहर कोई न कोई ऐसा मुद्दा आ ही जाता है जिसपर वो हमलावर रहते हैं. हमला सरकार पर होता है लेकिन, कभी-कभी सेल्फ गोल भी कर जाते हैं.

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कुछ ऐसा ही इस वक्त हो रहा है. अग्रवाल के इस बयान ने इतना बवाल मचाया कि इस मुद्दे पर वो राजनीतिक हित साधते-साधते खुद फंस गए. लेकिन, आखिर ऐसा होता क्यों है ? क्या हमारे राजनेता इस तरह के संवेदनशील मामलों में इतनी संवेदनहीनता क्यों दिखा जाते हैं ? क्या उन्हें उन लोगों की भावनाओं की कद्र नहीं रहती जो खुद मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे होते हैं ?

अगर देश और देश के लोगों की भावनाओं की इन्हें कद्र होती तो ऐसा बयान नहीं आता. जब पूरा देश कुलभूषण जाधव और  उनके परिवार के साथ खड़ा दिख रहा है, जब देश भर में कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ किए गए गलत व्यवहार और बदसलूकी को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है, ऐसे वक्त में नेताओं की इस तरह की जुमलेबाजी उनके ओछेपन का ही एहसास कराने वाली होती है.

कुलभूषण पर पूरे देश को नाज है. जान-बूझकर पाकिस्तान ने पूरी दुनिया की आंख में धूल झोंकने के लिए इस तरह की चाल चली जिसमें कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को उनसे मिलने का मौका दिया गया लेकिन, करीब रहकर भी कांच की दीवार को पार न करने दिया गया.

उल्टे शर्तों को तोड़कर मीडिया को कुलभूषण जाधव के परिवार के करीब तक आने दिया गया. पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से उनके जख्म पर नमक छिड़कने की कोशिश की गई. जाधव की मां और पत्नी के कपड़े भी बदलवाए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी के जूते भी जबरदस्ती अपने पास रख लिए हैं और इनसे मंगलसूत्र और बिंदी भी हटाने को कहा गया था. वहीं जाधव की उनके परिवार से मुलाकात पर पाकिस्तान के रवैये को लेकर भारत की तरफ से उठाए गए सवालों को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है.

Monsoon Session of Parliament

पाकिस्तान के इस अमानवीय चेहरे ने देश के भीतर एक उबाल देखने को मिल रहा है, जिसकी गूंज संसद के भीतर भी सुनाई दी.

विपक्षी दलों ने जाधव के मामले पर संसद में चर्चा को लेकर नोटिस भी दिया था. कांग्रेस के अलावा टीएमसी ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराकर विदेश मंत्री के बयान की मांग की थी.

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को जाधव को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास करना चाहिए. हम इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं. सरकार को एक मिसाल कायम करना चाहिए. शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत, टीएमसी के सांसद सौगत रॉय और दूसरे दलों के कई सासंदों की तरफ से इस मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का इजहार किया गया.

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नरेश अग्रवाल के अलावा पूर्व कानून मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी जाधव के मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम पाकिस्तान से कुछ अच्छे की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया, वो शर्मनाक है.

हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन को आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर वो गुरुवार को संसद में बयान देंगी. निश्चित तौर पर जब सुषमा संसद में बोलेंगी तो वो अपने ओजस्वी वक्तव्य से पाकिस्तान की काली करतूतों और दुनिया की आंख में धूल झोंकने के उसके प्रयास का पर्दाफाश कर देंगी. लेकिन, उसके पहले अपने ही देश के नेताओं की बयानबाजी ने किरकिरी करा दी है.

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