1984 दंगों के दोषी सज्जन कुमार ने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वह कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचे हैं. यहां से उन्हें तिहाड़ जेल ले जाया जाना था. हालांकि सुरक्षा व्यवस्था की वजह से आखिरी क्षण में जेल बदल दिया गया. अब उन्हें मंडोली जेल ले जाया गया है. सिख दंगों में दोषी करार दिए सज्जन कुमार को आजीवन कैद की सजा मिली है. सज्जन कुमार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.
1984 anti-Sikh riots case: Convict Sajjan Kumar reaches Delhi's Karkardooma Court to surrender pic.twitter.com/lJ1JzCDWJ2
— ANI (@ANI) December 31, 2018
क्या हैं आरोप?
सज्जन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 1 नवंबर 1984 को राजनगर में एक परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी थी. साथ ही एक गुरुद्वारे को आग लगा दिया था. 17 दिसंबर को फैसला आने के बाद सज्जन कुमार ने कहा था कि उनके तीन बच्चे और 8 पोते-पोतियां हैं.
ऐसे में उन्हें प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए कुछ वक्त चाहिए. सज्जन कुमार अभी 73 साल के हैं. ऐसे में उम्रकैद की सजा मिलने का सीधा मतलब है कि सज्जन कुमार की बाकी जिंदगी जेल में कटेगी. लिहाजा सज्जन कुमार चाहते थे कि उन्हें एक महीने का और वक्त दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी.
सज्जन कुमार पिछले 40 साल से वह कांग्रेस के सदस्य थे. हालांकि 1984 के दंगों में दोषी करार देने के बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद अगले चार दिनों तक कत्लेआम मचा रहा. इन चार दिनों में कम से कम 3000 लोगों की हत्या हूई थी.
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