जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन (Sajjad Lone) ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर में अलगाववादियों से उनकी सुरक्षा वापस लेने के फैसले का 'समर्थन नहीं कर सकते' और उनके पिता की सुरक्षा 'कम' किए जाने के कुछ महीने बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी.
पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद सज्जाद लोन के बड़े भाई बिलाल लोन सहित छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा रविवार को वापस ले ली गई थी. यह फैसला जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लिया था.
सज्जाद लोन ने कहा, 'यह उनका (सरकार का) फैसला है (अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेना) लेकिन व्यक्तिगत रूप से जहां तक मेरा सवाल है, मैंने अपने पिता को खोया है और मैं इसका समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि मैं कभी किसी के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करूंगा.'
अलगाववाद से राजनीति में आए लोन ने कहा कि उनके पिता की सुरक्षा 2002 में कम कर दी गई थी और कुछ महीनों के बाद उनकी हत्या हो गई. वह इस निर्णय का समर्थन करने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई होती तो वह चुनाव नहीं लड़ पाते क्योंकि वह तब जीवित नहीं होते.
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