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राजद्रोह के मुकदमे पर बोले साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हिरेन, अब तक पुलिस से कोई नोटिस नहीं मिला

हिरेन गोहेन के साथ वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत और केएमएसएस नेता अखिल गोगोई के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने की खबर आई थी

Updated On: Jan 11, 2019 06:45 PM IST

FP Staff

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राजद्रोह के मुकदमे पर बोले साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हिरेन, अब तक पुलिस से कोई नोटिस नहीं मिला

बीते गुरुवार को यह खबर आई की असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच पुलिस ने असमी साहित्यकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता डॉक्टर हिरेन सहित दो लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है.

लेकिन शुक्रवार को हिरेन गोहानी ने अपने बयान में कहा कि मुझे बताया गया है कि मेरे खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ है,पर मुझे तो अब तक पुलिस से कोई नोटिस मिला ही नहीं है. मैं हैरान हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि रैली में ऐसा कुछ राजद्रोही कमेंटकिया है.

गुरुवार को हिरेन गोहेन के साथ वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत और केएमएसएस नेता अखिल गोगोई के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने की खबर आई थी. गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए लातासिल पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 120 (बी) समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

कुमार ने कहा, 'इन सभी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है. मैं इसकी जांच कर रहा हूं कि गुवाहाटी में सात जनवरी को हुई नागरिक समाज की बैठक के दौरान उन्होंने क्या कहा था.' तीनों एक नागरिक संगठन, नागरिक समाज के सदस्य हैं जो नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहा है. आपको बता दें कि इस बैठक में असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्णा देका भी मौजूद थे.

बता दें कि ये विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया था. इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी.

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