सबरीमाला मंदिर में जिन दो महिला श्रद्धालुओं ने जाकर दर्शन किए, उनके कारनामे ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया है. ट्विटर पर इन महिलाओं को खूब तारीफ मिल रही है. दरअसल बुधवार को केरल की दो महिलाओं ने सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन किए.
इन महिलाओं का नाम बिंदु और कनकदुर्गा है. सीपीआई (एमएल) की कार्यकर्ता बिंदु की उम्र 42 साल है और वो कोझीकोड जिले की रहने वाली हैं. जबकि 44 वर्षीय कनकदुर्गा मल्लपुरम जिले की रहने वाली हैं.
महिलाओं ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने मंगलवार आधी रात से मंदिर की सीढियां चढ़ना शुरू किया और रात 3.45 तक वो दर्शन के लिए पहुंच चुकी थीं.
कनकदुर्गा ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा पुलिस सुरक्षा के बगैर पूरी की. इस दौरान किसी भी प्रदर्शनकारी से उनका सामना नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'हम आधी रात तक पंबा पहुंच चुके थे. इसके बाद हम पुलिस स्टेशन भी गए. लेकिन फिर हम बिना पुलिस सुरक्षा के आगे बढ़े.'
इन महिलाओं ने बीते साल भी शनिधनम में जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें प्रदर्शन की वजह से वापस जाना पड़ा था. ट्विटर पर इन दोनों महिलाओं के साहस की खूब तारीफ हो रही है.
टी सुधीश नाम के ट्विटर यूजर ने कहा, 'केरल के प्रोगेसिव मूवमेंट के लिए 2019 की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है. सबरीमाला में महिलाओं ने प्रवेश किया है, हम कभी भी एकजुट राजनीति में नहीं फंसे और आगे बढ़ते जा रहे हैं.'
2019 begins with double cheer in the history of Kerala's progressive movements. When #WomensWall built up on the west of the State, it's entry of women to Sabarimala in the East. We prove the fact right: that"we never stuck in a mobilizing polity, but going forward" #Sabarimala
— T Sudheesh (@sudheeshdc) January 2, 2019
रिफत जावेद ने कहा कि बिंदू और कनकदुर्गा को इतिहास रचने के लिए बहुत बहुत बधाई.
Well done Bindu and Kanakdurga for creating history at #Sabarimala @JantaKaReporter https://t.co/ga6G8ul8Qw
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) January 2, 2019
प्रियंका ने कहा कि यह भारत के इतिहास के अविश्वसनीय क्षण हैं. 50 साल से कम उम्र की महिलाएं पहली बार अंदर गई हैं. एक छोटे से कदम ने लैंगिग समानता को बढ़ावा दिया है. नारीवादी लोग आनंदित हैं, कितना अच्छा दिन है, कितना अच्छा साल है. जीवित रहने के लिए सब कुछ अच्छा है.
What an incredible moment in the history of India. Women under 50 enter for the first time in #Sabarimala One small step for women, giant leap for gender equality! Feminists rejoice. What a day. What a year. What a moment to be alive. #Feminism #WomensWall pic.twitter.com/vQSFVYenNj
— Priyanka (@autumnrainwish) January 2, 2019
एस आनंदन ने कहा, 'सबरीमाला में जाकर 50 साल से कम उम्र की बिंदू और कनकदुर्गा ने इतिहास रच दिया.
Kanakadurga from Malappuram and Bindu from Kozhikode, create history by being the first women aged under 50 yrs to have darshan at #Sabarimala ever since the SC pronounced it's landmark verdict allowing entry to the Sree Dharma Sastha Temple to women of all age groups #Kerala
— S Anandan (@Anandans76) January 2, 2019
सार्थक धामा ने कहा कि इतिहास रचा जा चुका है. पुरानी धार्मिक रीति-रिवाजों को तोड़ दिया गया. इसी तरह समाज विकास करता है जब वह सिद्धांतों से बाहर आता है.
History has been made. Regressive religious customs smashed. That is how societies progress, when they overcome dogmas. #Sabarimala
— Sarthak Dhama (@sarthak_dhama) January 2, 2019
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