केरल के पंबा इलाके में तब तनाव उत्पन्न हो गया जब रविवार की सुबह 50 साल से कम उम्र की 11 महिलाओं के एक समूह ने भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमाला मंदिर पहुंचने की कोशिश की. श्रद्धालुओं ने महिलाओं के इस कदम का विरोध किया. फिलहाल पुलिस ने महिलाओं का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है. वहीं सेल्वी, महिला श्रद्धालु समूह की सदस्य, जो वर्तमान में पंबा बेस कैंप में मौजूद हैं, ने कहा- हम यहां सुबह 3.30 बजे से है. पुलिस ने कहा था कि वह हमें सुरक्षा देगी पर पुलिस अब ऐसा नहीं कर रही है. हमें मंदिर जाना है.
Selvi, member of the women's devotees group who is currently at Pampa base camp to trek to #SabarimalaTemple: We are here since 3.30 am. Police had said that they will provide us with protection but now they are not providing us protection to trek to the temple. pic.twitter.com/jDk8ORltOO
— ANI (@ANI) December 23, 2018
#Kerala: Police at Pampa detains Lord Ayyappa devotees protesting against the entry of women devotees to #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/fwmXZcICr4
— ANI (@ANI) December 23, 2018
वहीं सबरीमाला मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- नक्सली दिमाग वाले लोग महिलाओं को उकसा रहे हैं. आज फिर उथल-पुथल का डर है. मुझे लगता है कि हमें हिंदू धर्म से घृणा करने वाले नक्सल बलों से प्रेरित होने के लिए उन्हें परेशान करना चाहिए. कम्युनिस्ट सरकार द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए.
Subramanian Swamy on #SabarimalaTemple row: Naxal minded people are instigating women. Today, there is fear of a turmoil. I think we must take them to be troublemakers probably inspired by Naxal forces who hate Hinduism. Action should be taken by the communist government. pic.twitter.com/LqYH2QrcQg
— ANI (@ANI) December 23, 2018
बता दें कि महिलाएं अभी भी पंपा बेस कैंप पर जमी हुई हैं. महिलाओं के समूह ने मंदिर परिसर से लगभग पांच किलोमीटर दूर पारंपरिक वन पथ के माध्यम से अयप्पा मंदिर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन श्रद्धालुओं के विरोध की वजह से वे आगे नहीं बढ़ सकीं. ये सभी महिलाएं चेन्नई स्थित 'मानिथि' संगठन की सदस्य हैं. समूह की सदस्य तिलकवती ने कहा, 'मंदिर में दर्शन नहीं होने तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस जाने को कहा है. लेकिन हम वापस नहीं जाएंगे.' इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि उन्हें मंदिर में जाने दिया जाए और साथ ही साथ पूरी सुरक्षा भी दी जाए.
सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तब से मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं. एक लेख में एमए देवैया इस आख्यान के बारे में बताते हैं. वे लिखते हैं कि मैं पिछले 25 सालों से सबरीमाला मंदिर जा रहा हूं. और लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं कि इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध किसने लगाया है. मैं छोटा सा जवाब देता हूं, "खुद अयप्पा (मंदिर में स्थापित देवता) ने.
आख्यानों (पुरानी कथाओं) के अनुसार, अयप्पा अविवाहित हैं. और वे अपने भक्तों की प्रार्थनाओं पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने तब तक अविवाहित रहने का फैसला किया है जब तक उनके पास कन्नी स्वामी (यानी वे भक्त जो पहली बार सबरीमाला आते हैं) आना बंद नहीं कर देते." और महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक की बात का पीरियड्स से कुछ भी लेना-देना नहीं है.
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