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सबरीमाला विवाद: प्रदर्शन के कारण दर्शन किए बगैर लौटी आंध्र की महिला

माधवी ने बुधवार की सुबह अपने परिवार के साथ स्वामी अयप्पन रोड से मंदिर परिसर पहुंचने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया, जिस कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा

Updated On: Oct 17, 2018 05:05 PM IST

Bhasha

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सबरीमाला विवाद: प्रदर्शन के कारण दर्शन किए बगैर लौटी आंध्र की महिला

शीर्ष अदालत के फैसले और बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बावजूद पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश की एक महिला को प्रदर्शनों के कारण बुधवार भगवान अयप्पा स्वामी का दर्शन किए बगैर पम्बा लौटना पड़ा. पांच दिन की मासिक पूजा के लिए बुधवार को अयप्पा स्वामी मंदिर खुलने से पहले उसके दोनों मुख्य रास्तों निलक्कल और पम्बा पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए हैं.

आंध्र प्रदेश की पूर्वी गोदावरी जिला निवासी माधवी शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ने वाली पहली रजस्वला आयु वर्ग की महिला है. पंबा और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बावजूद माधवी को बिना दर्शन किए लौटना पड़ा.

माधवी ने बुधवार की सुबह अपने परिवार के साथ स्वामी अयप्पन रोड से मंदिर परिसर पहुंचने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया, जिस कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा.

पुलिस ने दी माधवी को सुरक्षा

पुलिस ने माधवी और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान किया और उनके आगे बढ़ने का रास्ता भी तैयार किया. लेकिन कुछ दूर आगे चलने के बाद माधवी और उसके परिवार ने लौटने का फैसला किया क्योंकि अयप्पा धर्म सेना के गुस्से से भरे कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और वापस जाने के कहने लगे.

इसबीच तंत्री (मुख्य पुजारी) के परिवार और पंडलाम राज परिवार के सदस्यों ने पम्बा में श्रद्धालुओं के नामजप प्रदर्शन में हिस्सा लिया. आधार शिविरों में बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद महिलाओं सहित तमाम श्रद्धालु सड़क किनारे बैठ कर अयप्पा स्वामी का मंत्र जप कर रहे हैं.

मंदिर परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मंदिर के तंत्री कंडारू राजीवरू ने कहा कि सदियों पुरानी रीत और भगवान अयप्पा मंदिर की परंपराओं की रक्षा की जानी चाहिए.

सरकार और पुलिस सबरीमला को ‘युद्ध क्षेत्र’ बनाना चाहती है

इसबीच भारतीय जनता पार्टी के नेता एमटी रमेश ने कहा कि सरकार और पुलिस सबरीमला को ‘युद्ध क्षेत्र’ बनाना चाहती है. पंबा में उन्होंने कहा, भगवान अयप्पा मंदिर की पवित्रता की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. सरकार बड़ी संख्या में निलक्कल और पम्बा आने वाले अयप्पा श्रद्धालुओं की भावनाओं पर संज्ञान नहीं ले रही है.

वरिष्ठ मंत्री ईपी जयराजन ने कहा कि व्रत लेने वालों श्रद्धालुओं को सबरीमला जाने से रोकने वाले प्रदर्शनकारियों को ‘अयप्पा दोषम’ (अयप्पा स्वामी का प्रकोप) लगेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन ‘जन विरोधी, संविधान विरोधी और कानून के खिलाफ’ है. मंत्री ने तिरूवनंतपुरम में कहा, सबरीमला में पूजा/दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सरकार सुरक्षा प्रदान करेगी.

अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए मंदिर परिसर में मौजूद राज्य देवस्वम बोर्ड मंत्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन ने कहा कि सरकार किसी को कानून अपने हाथ में लेने और श्रद्धालुओं को सबरीमला आने से रोकने नहीं देगी.

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