सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद बुधवार को सबरीमाला मंदिर के द्वार सभी उम्र की महिलाओं के लिए भी खुल रहे हैं. लेकिन इससे पहले ही कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. आश्चर्यजनक रूप से सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के विरोध में केरल की महिलाएं खड़ी हैं. कोर्ट के फैसले को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. कई संगठन और राजनीतिक दल मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है.
उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. विजयन ने कहा कि केरल के धर्मनिरपेक्ष ढ़ांचे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जो लोग महिलाओं को मंदिर में जाने से रोकने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार मंदिर सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुल रहा है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सबरीमाला मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. कुल 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं हैं. इसके अलावा सन्निधानम में 500 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
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संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
Oct 17, 2018
पुलिस वालों ने पम्पा के पास पार्क किए गए वाहनों को तोड़ दिया. यहां सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को विवाद हो रहा है.
केरल: आज शाम एक बस पर निलक्कल बेस कैंप के पास प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की. इसमें यात्रियों के साथ पत्रकार भी मौजूद थे.
गृह मंत्रालय ने केरल में हुई हिंसा पर संज्ञान लिया.
केरल: पम्पा, निलक्कल, सुन्निधनम, इरावुगल में लगी धारा 144
पम्बा, निलक्कल समेत कुल चार जगह धारा 144 लगाने का फैसला किया है. आधी रात से इन जगहों पर धारा 144 लगा दी जाएगी.
सीएनएन-न्यूज़18 के मुताबिक, किसी भी महिला को पम्बा बेस कैंप लांघने की इजाजत नहीं है. गेट बुधवार को रात 11:30 बजे तक खुले रहेंगे. इसके बाद गुरुवार को दोबारा सुबह 5 बजे गेट खुलेंगे.
कांग्रेस ने किसी पर भी हमला नहीं किया और पत्रकारों पर हमला असहनीय है. जो भी वहां प्रदर्शन कर रहे हैं, बीजेपी और आरएसएस के लोग हैं. कहीं भी कांग्रेस के लोग इस प्रकार की गुंडागर्दी और तोड़फोड़ में नहीं शामिल हैं: रमेश चेन्नीताला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रदर्शनकारियों द्वारा अभी भी विरोध किया जा रहा है.
सबरीमाला मंदिर के द्वार तो खुल गए हैं, लेकिन गुंडों द्वारा महिला श्रद्धालुओं को मंदिर में नहीं जाने दिया जा रहा: सीएनएन-न्यूज़18
महिलाओं के लिए खुले सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार...
न्यूज़ एजेंसी ANI के रिपोर्टर आयुष्मान कुमार पर प्रदर्शनकारियों ने निलक्कल बेस कैंप पर हमला किया. यह हमला तब हुआ जब वह महिलाओं द्वारा बस चेक करते हुए तस्वीरें ले रही थीं. हमले के समय पुलिस भी वहां मौजूद थी.
पुलिस पत्रकारों को निलक्कल कैंप जाने से रोक रही है. मैं निलक्कल बेस कैंप से 200 मीटर दूर हैं. हम आगे जाने में असमर्थ हैं. पुलिस का भी कहना है कि आगे जाना सुरक्षित नहीं है. हमारे रास्ते में, हमने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी है. हमें कई गाड़ियां ऐसी भी दिखीं जिनके शीशे टूटे हुए थे. कोई भी महिला श्रद्धालु मंदिर के पास नहीं दिख रही है.
इस हमले में रीपब्लिक और आजतक की दो महिला पत्रकार घायल हो गई हैं. पुलिस प्रदर्शनकारियों को शांत करवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्होंने पत्रकारों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए थे.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सबरीमाला विवाद पर एक मीटिंग तय की है. इस मीटिंग में पत्रकारों पर हुए हमलों पर भी चर्चा की जाएगी.
केरल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए निलक्कल बेस कैंप पर लाठीचार्ज और पत्थरबाजी की.
केरल में प्रदर्शकारियों ने महिला पत्रकार की कार पर हमला किया-
एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर को केरल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. राहुल सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ईश्वर सबरीमाला मंदिर के पूर्व पुजारी के पड़पोते हैं.
डी राजा ने कहा कि मीडिया कर्मियों पर हमला और महिलाओं पर हुए हमले का विरोध करते हैं. यह सब बीजेपी और आरएसएस ने किया है. ये लोग सांप्रदायिक एकता को भंग करना चाहते हैं. इसके लिए केरल सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
केरल के पम्बा में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है. पुलिस के जवानों के साथ ट्रैक्टर प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया है. कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कानून अपने हाथ में ले लिया है.
भगवान अयप्पा के आदिवासी श्रद्धालु ने कहा कि दलित और आदिवासी को विश्वास है कि एक विशेष उम्र के पड़ाव में महिलाएं पहाड़ पर चढ़ सकती हैं तो यह फैसला उनके लिए अपशकुन होगा.
नारायणन ने कहा 'अयप्पा हमारे भगवान हैं. मंदिर में प्रवेश करने से एक निश्चित आयु वर्ग की महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध हमारे रिवाज का हिस्सा हैं. इस रिवाज का पालन करना अयप्पा की पूजा करना बहुत जरूरी है. इस रिवाज को नहीं तोड़ना चाहिए. सबरीमाला मंदिर में अशुद्ध महिलाओं को एंट्री करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.'
सीपीआई नेता डी.राजा ने पत्रकारों पर हमले के लिए बीजेपी-आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा 'दक्षिणपंथी गुंडे कानून-व्यवस्था की परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं.'
श्रद्धालुओं ने सबरीमाला मंदिर की तरफ तीर्थयात्रा से पहले पम्पा नदी में धार्मिक स्नान किया. अय्यप्पा मंदिर के द्वार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार खुले हैं. कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर परिसर में एंट्री करने की इजाजत दे दी थी.
केरल सरकार में मंत्री वीएस सुनिल ने कहा कि बीजेपी सबरीमाला मामले पर दोहरे मापदंड अपना रही है. एक तरफ बीजेपी से जुड़े 5 वकील सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहते हैं कि हर उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश होना चाहिए और दूसरी तरफ वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे कानून-व्यवस्था का मामला बनाने की कोशिश कर रही है.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को कवर करने पहुंची 'द न्यूज मिनट' की पत्रकार पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया है. इस वेबसाइट की संपादक धान्या राजेंद्रन ने इसकी कड़ी आलोचना की है.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 30 लोगों को पांबा से हिरासत में लिया गया है. इसमें 21 लोगों को आज जबकि 9 को मंगलवार को हिरासत में लिया गया था.
सबरीमाला मंदिर जा रही महिला श्रद्धालु माधवी को विरोध प्रदर्शन के कारण बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा है. मौके पर पुलिस भी मौजूद है.
बीजेपी नेता शोभा सुरेंद्रन ने कहा है कि केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने में जल्दबाजी दिखाई क्योंकि यह एक हिंदूओं का मंदिर था. उन्होंने कहा कि अगर किसी चर्च पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया होता तो इसे अबतक लागू नहीं किया गया होता. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को लगता है कि वो हिंदुओं के साथ कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन सबरीमाला मामले में हम ये अनुमति नहीं देंगे.
केरल बीजेपी के नेताओं का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तबतक विरोध करेंगे जबतक न्याय नहीं मिल जाता. केरल बीजेपी अध्यक्ष श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि हमलोग इस मामले पर पूरे देश में प्रदर्शन करने की योजनाओं पर भी विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए राज्य सरकार पुलिस बल का उपयोग करती है तो इसका असर व्यापक होगा.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे 20 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसमें देवासोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेता शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बैठ गए हैं.