सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का राह खुल गया था. लेकिन अब भी महिलाएं मंदिर में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष करती हुई दिख रही हैं. शुक्रवार को तीसरे दिन भी महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. इसी बीच हैदराबाद की एक महिला पत्रकार भारी पुलिस सुरक्षा में सबरीमला पहाड़ी की चढ़ाई शुरू कर दी है. विदेशी मीडिया संगठन के लिए काम करने वाली दिल्ली की पत्रकार के मंदिर में दर्शन करने में विफल रहने के एक दिन बाद एक अन्य महिला ने चढ़ाई शुरू की है.
पुलिस ने महिला को सुरक्षा मुहैया कराई है. महिला ने अपने पेशेवर काम के सिलसिले में सबरीमला सन्निधानम जाने के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया था. अभी तक शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर में 10 से 50 की उम्र वाली लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने कोई प्रदर्शन नहीं किया है.
महिला की उम्र लगभग 25 वर्ष है और अगर वह सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर में जाने वाली 10 से 50 की उम्र की पहली महिला होगी. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर के अपने फैसले में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी.
गुरुवार को नई दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते में रोक दिया था. अपने विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ गई पत्रकार विरोध बढ़ने के मद्देनजर मराकोट्टम इलाके से वापस लौट गई थी. उन श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने महिला पत्रकार को कथित तौर पर चढ़ाई से रोका और उसे नीचे उतरने के लिए मजबूर किया.
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Oct 19, 2018
त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्माकुमार ने कहा 'हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने फैसला किया है. कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने की इजाजत दी थी.'
पंबा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया.
त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट ने कहा 'यह एजेंडा चलाया जा रहा है. इसमें पुलिस भी शामिल है. यह सेक्स टूरिज्म की जगह नहीं है. यह भगवान अयप्पा का निवास स्थान है.'
रेहाना फातिमा ने कहा, मुझे नहीं पता कि मेरे बच्चों का क्या हुआ. मेरी जिंदगी भी खतरे में है लेकिन पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया है. इसलिए मैं वापस जा रही हूं.
महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा ने पंबा वापस आने के बाद कहा, श्रद्धालु नहीं बल्कि आम लोग शांति भंग करना चाहते हैं और महिलाओं के प्रवेश को रोक रहे हैं. मैं यह जानना चाहती हूं कि इसके पीछे कारण क्या था. मुझे बताइए कि किस हालत में कोई श्रद्धालु माना जाएगा. अगर आप मुझे श्रद्धालु होने का मतलब बता देंगे तो मैं ये बता पाऊंगी कि मैं क्या हूं.
प्रदर्शन के बीच सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं मिल पाने के बाद पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा पंबा वापस आ गई हैं. कविता ने समर्थन के लिए सबका धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा, हमें गर्व महसूस हो रहा है. आपने देखा कि हमें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथल्ला ने केरल राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें वर्तमान हालात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोग भी सबरीमाला मंदिर की तरफ जा रहे हैं. सबलोग चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को पुलिस यूनिफॉर्म पहनाया गया था. यह गलत था.
सबरीमाला कोई टूरिस्ट स्पॉट नहीं है, वहां सिर्फ श्रद्धालु ही जा सकते हैं. फिलहाल जो केरल पुलिस कर रही है, वह गलत है. अगर हमारी सरकार होती तो हम इसे बेहतर ढंग संभालते. हम श्रद्धालुओं से बात किए होते और कोई हिंसा नहीं होती.
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने जा रही एक महिला मैरी स्वीटी को प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद बीच से ही लौटना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मुझे महिला पत्रकार और कार्यकर्ता के बारे में नहीं पता लेकिन अगर महिलाओं को लौटाया जा रहा है तो यह कमी है. मैं वहां जाना चाहती हूं.
प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद मैरी स्वीटी को पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया जा रहा है.
केरल आईजी श्रीजीत ने कहा कि हमलोग पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को मंदिर प्रांगण तक लेकर आए थे. लेकिन तंत्री और पुजारी ने मंदिर खोलने से मना कर दिया. जब हम इंतजार कर रहे थे तब बताया गया कि अगर हम उन्हें मंदिर में प्रवेश कराने का प्रयास करेंगे तो वे मंदिर को लॉक कर देंगे.
आईजी श्रीजीत ने कहा, यह एक अनुष्ठान आपदा है. हमलोग उन्हें सुरक्षा के बीच यहां तक ले आए लेकिन दर्शन पुजारियों के सहमति के बगैर नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं को जिस तरह की भी सुरक्षा चाहिए होगी. हम देने को तैयार हैं.
सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा, हमने तय किया है कि हम मंदिर को लॉक कर देंगे और चाभी देकर यहां से चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं श्रद्धालुओं के साथ खड़ा हूं और हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए जा रहीं पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा अब मंदिर से लौट रही हैं. केरल आईजी एस श्रीजीत ने कहा, हमने महिला श्रद्धालुओं से वहां की स्थिति के बारे में बताया. अब वे लोग यहां से लौट रही हैं. अब हमलोग उन्हें यहां से ले जा रहे हैं. उन्होंने लौटने का फैसला किया है.
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष सुंदराराजन ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर विश्वासियों के लिए पूजा की जगह है, अविश्वासियों और कार्यकर्ताओं के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग दशकों से बने विश्वास को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. अन्य धर्मों के कट्टरपंथियों के बारे में सुनना चौंकाने वाला था. धर्मनिरपेक्षता और सक्रियता की आड़ में मंदिर में प्रवेश कर हिंदुओं पर चोट पहुंचाने की कोशिश ठीक नहीं है.
ताजा जानकारी के अनुसार, गुस्साए श्रद्धालुओं ने मंदिर के मुख्य कपाट को ब्लॉक कर दिया है और महिलाओं को अंदर जाने से रोक दिया है. स्थिति पर नियंत्रण के लिए केरल के गवर्नर के. सताशिवम ने केरल पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. केरल के डीजीपी जल्द ही गवर्नर से मुलाकात करेंगे.
सीएनएन न्यूज-18 के मुताबिक, सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा है कि वो मंदिर को बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे अगर हर आयु की महिलाओं को प्रवेश कराया जाएगा. पुजारियों ने सुबह की पूजा पूरी कर ली है. लेकिन इस बात पर असमंजस की स्थिति है कि वर्तमान हाल को देखते हुए शाम की पूजा होगी या नहीं.
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही दो महिलाओं में एक सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा के घर पर लोगों ने तोड़-फोड़ की है. पुलिस ने बताया कि मोटर बाइक से आए दो लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया. घटना सुबह की है.
पुजारियों के धरने पर बैठने के बाद केरल राज्यपाल ने डीजीपी को तलब किया है.
मुख्य तंत्री समेत सबरीमाला मंदिर के 35 पुजारी धरने पर बैठ गए हैं. पुजारियों ने मंदिर में पूजा भी बंद कर दी है. ये लोग पवित्र जगह से 18 कदम नीचे घरने पर बैठे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केरल सरकार में मंत्री के सुरेंद्रन ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर कार्यकर्ताओं के ताकत दिखाने की जगह नहीं है. उन्होंने एक महिला कार्यकर्ता और एक पत्रकार को पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश कराने पर यह बात कही है.
केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा, यह सिवाय सनसनी के कुछ नहीं है. श्रद्धालु को दंगा रोधी कवच में मंदिर क्यों लाया जा रहा है? सीपीआई और बीजेपी के कई छिपे हुए मकसद हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी लीडर के. सुरेंद्रन ने भी केरल सरकार द्वारा भक्त/पत्रकार को सुरक्षा दिए जाने के मुद्दे पर सवाल उठाए.
आईजी एस श्रीजीत के बुलावे पर पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा उनसे मिलने पहुंची हैं. दोनों महिलाएं पुलिस की निगरानी में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए शुक्रवार सुबह को चली थीं.
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल ईश्वर की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी. ईश्वर को निल्कल से 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) एस श्रीजीत ने श्रद्धालुओं से कहा है कि पुलिस सबरीमाला में कोई मुद्दा नहीं उठाएगी और हम आपके साथ या भक्तों के साथ टकराव नहीं चाहते हैं. हम केवल कानून का पालन कर रहे हैं. मैं उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहा हूं और यहां कि स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दूंगा.
हैदराबाद की टीवी पत्रकार कविता जक्कल और महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा भारी सुरक्षा के बीच सबरीमाला मंदिर की तरफ बढ़ रही हैं
हैदराबाद की टीवी पत्रकार कविता जक्कल पुलिस सुरक्षा के बीच पंबा से पहुंची सन्निधानम
प्रदर्शनकारियों ने कहा- हम सबरीमाला मंदिर की रक्षा कर रहे हैं
सबरीमाला मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक श्रद्धालु ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला ठीक है कि महिला और पुरुष समान है. लेकिन यहां की यह संस्कृति रही है कि 10 से 50 साल की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती. यह हमारी प्रथा है. हमें अपनी प्रथा का निवर्हन करना चाहिए क्योंकि भारत अपने रिति रिवाज को मानने वाला देश है.
सन्नीधानम की तरफ जाते हुए श्रद्धालु