केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे दी थी. इसके बाद बुधवार को पहली बार खुले भगवान अय्यप्पा मंदिर के कपाट तो तो खुले, लेकिन प्रतिबंधित उम्र (10 से 50 साल) समूह वाली कोई भी महिला भगवान के दर्शन नहीं कर पाई. यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प भी हुई. महिलाओं के मंदिर प्रवेश के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन को बढ़ता देख राज्य प्रशासन ने पम्पा, निलक्कल, सुन्निधनम, इरावुगल में धारा 144 लागू कर दी है.
Amid intensifying protest in the region against the entry of women in the menstrual age group in the Sabarimala temple, the state administration has imposed Section 144 in four places-- Sannidhanam, Pamba, Nilakkal, and Elavungal
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कपाट खुलने के बाद मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. कतारों में महिलाएं भी नजर आ रही हैं.
Early morning visuals from Sannidhanam Temple in Kerala. #SabarimalaTemple pic.twitter.com/vz66iSb0wz
— ANI (@ANI) October 18, 2018
श्रद्धालुओं का कहना है कि कुछ मंदिरों में रिवाज होते हैं, जिनका अच्छे से पालन किया जाना चाहिए. कोर्ट ने महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी, लेकिन पिछले 50-70 सालों में 10 साल से लेकर 50 साल उम्र की कोई भी महिला मंदिर नहीं आई है. ये हमारी आस्था है, जिसका हिंदू धर्म में हम पालन करते हैं.
In some temples,there are rituals which must be followed strictly.Court is giving order for all women to enter but from last 50-70 yrs,no women b/w 10-50 yrs of age visited temple. It's our belief which we follow in Hinduism:Devotee at Sannidhanam Temple,Kerala. #SabarimalaTemple pic.twitter.com/5I8qXOP2fT
— ANI (@ANI) October 18, 2018
इससे पहले प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ महिला पत्रकारों को करना पड़ा. बुधवार को उनके वाहनों पर भी हमले किए गए. इसके अलावा हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बावजूद पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश की एक महिला को बुधवार को भगवान अयप्पा स्वामी के दर्शन किए बगैर पम्बा लौटना पड़ा.
त्रावणकोर देवोस्वोम बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'मंदिर परिसर में अब तक 10 से 50 साल तक की कोई भी लड़की या महिला ने प्रवेश नहीं किया है.' सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के केरल सरकार के फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में गुस्सा बढ़ गया है और पहाड़ी क्षेत्र में स्थित इस मंदिर के आस-पास तनाव का माहौल बना हुआ है. पारंपरिक तौर पर 10-50 साल की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को वर्जित रखने के पैरोकार कार्यकर्ता राहुल ईश्वर को पम्बा में गिरफ्तार किया गया. यहीं से मंदिर जाने का रास्ता शुरू होता है.
इसी बीच प्रवीण तोगड़िया के नेतृत्व में दक्षिणपंथी संगठन 'अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद' और 'सबरीमला समरक्षणा समिति' ने मध्यरात्रि से 24 घंटे की हड़ताल शुरू करने का आह्वान किया है. बीजेपी और एनडीए के अन्य सहयोगियों ने सबरीमाला एक्शन काउंसिल की ओर से आहूत की गई 12 घंटे की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है. यह हड़ताल श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई है. वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह इस हड़ताल में शामिल तो नहीं होगी लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
(एजेंसी से इनपुट)
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Oct 18, 2018
एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने के लिए कहा है. पुलिस ने बुधवार को राहुल को हिरासत में लिया था. ईश्वर ने अपने बयान में कहा कि उसके साथ 20 अन्य लोग भी हिरासत में लिए गए थे और अभी भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेगा.
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ऑल केरला ब्राह्मण एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट जाएगा और फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग करेगा. याचिका में कहा जाएगा कि इस फैसले से कई गंभीर गलतियां हो रही हैं जिसकी वजह से भगवान अयप्पा के वास्तविक भक्तों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है.
पथानामथिट्टा के कलेक्टर पीबी नूह ने कहा, 'यहां कोई समस्या नहीं है, माहौल पूरी तरह से शांत है. हम पंपा और शनिधनम में भारी पुलिस बल तैनात कर चुके हैं. अब कोई चिंता की बात नहीं है. धारा 144 को 2 दिनों के लिए लगाया गया है. बाकी स्थिति को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे. धारा 144 को पांपा, निलाक्कल, शनिधनम और इलावुंगल में लगाया गया है.'
केरल बीजेपी के अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने महिला पत्रकारों पर हो रहे हमले पर कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है, यह सीपीआईएम के लोगों की बनाई हुई योजना है, वही यह सब कर रहे हैं. 300 पुलिसवाले जिनकी ट्रेनिंग पूरी नहीं हुई है, उन्हें यहां लाया गया है जिससे ऐसी स्थिति बनी है.'
पुजारी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट केवल कानून के बारे में सोच रहा है लेकिन परंपरा के बारे में नहीं सोच रहा. ज्यादातर श्रद्धालू चाहते हैं कि पुरानी परंपरा को जारी रखा जाए. मेरी केवल एक ही विचारधारा है कि पुरानी परंपरा को स्थापित करना चाहिए.'
सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारारू राजीवरू ने कहा, 'स्थिति बहुत खतरनाक हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ज्यादातर श्रद्धालु गुस्से में हैं. मेरी विनती है कि मंदिर की प्रणाली को बनाए रखें. मैं हिंसा से सहमत नहीं हूं. यह भक्तों के द्वारा नहीं बल्कि दूसरे लोगों के द्वारा फैलाई जा रही है.'
न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार सुहासिनी राज प्रदर्शनकारियों के विरोध के बाद वापस लौट रही हैं.
तिरुवनंतपुरम रेंज के आईजीपी ने बताया कि हम सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा दे रहे हैं. यह हमारा कर्तव्य है. हम और ज्यादा लोगों को सुरक्षा में तैनात कर रहे हैं. पत्रकार सुहासिनी राज को वापस आने के लिए दबाव नहीं बनाया गया था.
सबरीमाला प्रोटेक्शन कमिटी ने राज्य में 12 घंटे का बंद बुलाया है. केरल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने आज बस सर्विस बंद रखी है. बुधवार को लाका में प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी बस को निशाना बनाया था.
सबरीमाला मंदिर मामले में पुलिस ने चार जगहों पर धारा 144 लगा दी है. इन चार जगहों में पांबा, शनिधनम भी हैं. हिंसा की आशंका को देखते हुए ऐसा किया गया है.