सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद बुधवार को सबरीमाला मंदिर के द्वार सभी उम्र की महिलाओं के लिए भी खुल रहे हैं. लेकिन इससे पहले ही कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. आश्चर्यजनक रूप से सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के विरोध में केरल की महिलाएं खड़ी हैं. कोर्ट के फैसले को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. कई संगठन और राजनीतिक दल मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है.
उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. विजयन ने कहा कि केरल के धर्मनिरपेक्ष ढ़ांचे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जो लोग महिलाओं को मंदिर में जाने से रोकने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Kerala: Total 1000 security personnel, 800 men and 200 women, deployed at Nillekal and Pampa base. 500 security personnel deployed at Sannidhanam. Portals of the #SabarimalaTemple will be opened today. pic.twitter.com/yxjJ1CCWzq
— ANI (@ANI) October 17, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार मंदिर सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुल रहा है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सबरीमाला मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. कुल 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं हैं. इसके अलावा सन्निधानम में 500 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
पुलिस ने पिछले 10 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को निलाक्कल से हटा दिया है. निलाक्कल से होकर ही सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का रास्ता है. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव की स्थिति है.
इसके अलावा, पुलिस तमिलनाडु की एक महिला पर हमले के सिलसिले में मंगलवार रात को 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. महिला अपने पति के साथ सबरीमाला मंदिर जा रही थी. इसी दौरान उसपर हमला हुआ और निलाक्कल से आगे बढ़ने से रोका गया था.
Kerala: #Visuals of heavy security deployment near Nilakkal, the base camp of #SabarimalaTemple as the portals of the temple are all set to open today. pic.twitter.com/YomkknhEVl
— ANI (@ANI) October 17, 2018
बुधवार को 5 दिन की मासिक पूजा के लिए सबरीमाला मंदिर के कपाट खुल रहे हैं. इसके लिए महिलाओं ने भी पूरी तैयारी शुरू कर दी है. खास बात यह है कि महिलाएं पहली बार इस मंदिर में प्रवेश करेंगी. विरोध को देखते हुए त्राणवकोर देवसोम बोर्ड ने तांत्री (प्रमुख पुरोहित) परिवार, पंडलाम राजपरिवार और अयप्पा सेवा संघम समेत अलग-अलग संगठनों के साथ मंगलवार को बैठक भी की, लेकिन फिलहाल इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला.
पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए. शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के मुद्दे पर बातचीत करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश थे.
वहीं मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान सीएम पिनराई विजयन ने कहा है कि राज्य सरकार तय करेगी की सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. पिनराई विजयन ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि राज्य सरकार तय करेगी कि कोई भी व्यक्ति कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न करने पाए. उनका कहना था कि सरकार सबरीमाला मंदिर के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा नहीं होने देगी.
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