राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत नागपुर मुख्यालय में विजयादशमी कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा, हमें आजाद हुए 70 साल हो गए. पहली बार दुनिया को लग रहा है कि भारत थोड़ा-थोड़ा उठ रहा है.
भागवत ने कहा, सरकार के प्रयास से कश्मीर में देश विरोधी ताकतों की आर्थिक कमर टूट गई है. सरकार ने पुलिस और सेना को पूरी छूट दी है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने जम्मू और लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार किया.
उन्होंने कहा, अलगववादियों को होने वाली फंडिंग को खत्म कर दिया गया है. उनके पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामने आ गए हैं. इससे ही सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.
बंगाल और केरल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, वहां जिहादी ताकतें सक्रिय हैं. राज्य सरकारें वहां काम नहीं कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से होने वाले घुसपैठ को अभी हमने खत्म नहीं किया कि म्यांमार से घुसपैठ शुरू हो गई है. अगर हम रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरण देंगे तो वे न सिर्फ हमारे रोजगार ढांचे पर दबाव पैदा करेंगे बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करेंगे.
बता दें कि इससे पहले आरएसएस कार्यकर्ता प्रभातफेरी निकाले. इस दौरान लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे.
बता दें कि साल 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना की थी. इस दौरान हर साल आरएसएस शस्त्र पूजा का आयोजन करता है.
(साभार: न्यूज़18)
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