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RIP कादर खान: जिनके लिखे डायलॉग्स बोलकर बड़े परदे पर छा गए अमिताभ और जितेंद्र

अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे बड़े अभिनेताओं को स्थापित करने में कादर खान भी बहुत बड़ा योगदान रहा है

Updated On: Jan 01, 2019 01:24 PM IST

FP Staff

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RIP कादर खान: जिनके लिखे डायलॉग्स बोलकर बड़े परदे पर छा गए अमिताभ और जितेंद्र

बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं और जबरदस्त स्क्रीन राइटर्स में शामिल 81 साल के कादर खान का 1 जनवरी को निधन हो गया. वो प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी डिसऑर्डर जैसी बीमारी से जूझ रहे थे. इस बीमारी की वजह से उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत आ रही थी इसलिए उन्हें पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया था.

वो कनाडा में ही अपना इलाज करवा रहे थे. उन्होंने कनाडा के समयानुसार 30 दिसंबर की शाम 6 बजे के करीब अपनी आखिरी सांस लीं. उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके बेटे सरफराज खान ने की.

कादर खान ने अपने दशकों लंबे करियर में भारतीय सिनेमा को बहुत कुछ दिया है. उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में काम किया और लगभग 200 फिल्मों को लिए स्क्रीन प्ले लिखा.

अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे बड़े अभिनेताओं को स्थापित करने में उनका भी बहुत बड़ा योगदान रहा. उनके लिखे डायलॉग्स ने इन कलाकारों को उनकी बेहतरीन अभिनेता की छवि में ढालने का काम किया.

कादर खान ने नाटकों में काम करने से लेकर, अभिनय और स्क्रीन प्ले के क्षेत्र में बॉलीवुड को बहुत कुछ दिया है. 1970 से उन्होंने बॉलीवुड के हर बड़े कलाकार के साथ काम किया है. उन्होंने राजेश खन्ना से लेकर फिरोज खान, अमिताभ बच्चन, जितेंद्र, अनिल कपूर और गोविंदा तक के साथ काम किया और उनकी फिल्मों को अपनी उपस्थिति से एक संपूर्णता दी.

उन्होंने एक से एक कॉमिक रोल किए हैं. गोविंदा के साथ उनकी जोड़ी अविस्मरणीय है. उन्होंने दूल्हे राजा, कुली नंबर 1. साजन चले ससुराल, आंटी नंबर वन, बड़े मियां छोटे मियां और राजा बाबू जैसी फिल्मों में गोविंदा के साथ यादगार फिल्में बनाईं.

लेकिन उनका एक जो बहुत बड़ा योगदान है, वो है अमिताभ बच्चन की फिल्मों के लिए डायलॉग लिखना. आप शहंशाह के जितने भी मशहूर डायलॉग जानते हैं, उनमें से अधिकतर कादर खान के लिखे हुए हैं. दीनानाथ चौहान....नाम है मेरा से लेकर मैं जहां खड़ा होता हूं, लाइन वहीं से शुरू होती है.. तक कादर खान की कलम से निकले हुए डायलॉग हैं, जिन्होंने 70-80 के दशक में अमिताभ बच्चन को उनकी खास पहचान दिलाई.

कादर खान ने अमिताभ बच्चन की मिस्टर नटवरलाल, खून-पसीना और सत्ते पे सत्ता जैसी मशहूर फिल्मों के लिए डायलॉग लिखे हैं. उन्होंने अग्निपथ और नसीब जैसी सुपरहिट फिल्मों को लिए स्क्रीनप्ले भी लिखा.

उन्होंने जितेंद्र के साथ भी कई यादगार फिल्मों में काम किया. उन्होंने उनकी फिल्मों, जैसे- जानी दोस्त, जस्टिस चौधरी, हिम्मतवाला, कैदी और तोहफा जैसी फिल्मों में डायलॉग और स्क्रिप्ट राइट के तौर पर काम किया.

इस तरह बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी कादर खान ने बस अपनी एक्टिंग से ही नहीं, अपनी लेखनी से भी बॉलीवुड को बहुत कुछ दिया, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा.

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