एक दक्षिणपंथी संगठन ने ताजमहल के अंदर पूजा करने की धमकी दी है. उसने आरोप लगाया है कि कुछ मुसलमानों ने शुक्रवार के अलावा अन्य दिन नमाज अदा करने पर लगी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पाबंदी का उल्लंघन किया.
सीआईएसएफ के एक कमांडेंट ने कहा कि बुधवार को नमाज अदा किए जाने की कथित घटना की जांच की जा रही है. स्थानीय लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें रोजाना ही अंदर जाकर प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए.
वहीं, मुस्लिम नेताओं ने झूठ के बहाने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए एएसआई को जिम्मेदार ठहराया है.
इस कथित घटना पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय बजरंग दल के जिला प्रमुख गोविंद पाराशर ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाना चाहते हैं, अन्यथा हमें आरती करने की इजाजत दी जाए.’ वहीं, एएसआई ने दावा किया है कि वह न्यायालय के निर्देश का पालन कर रहा है.
इस बीच, सोशल मीडिया पर शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुछ महिलाएं ताजमहल में गंगा जल लेकर प्रवेश करती दिख रही हैं और मंत्रोच्चार कर रही हैं.
इस बारे में ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक अंकित नामदेव ने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है. ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है.
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पार्टी ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कभी राजनीति नहीं कर सकती और अपने जवानों और सरकार के साथ खड़ी है
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