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2019-20 सत्र से लागू होगा सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 10% सवर्ण आरक्षण: जावड़ेकर

शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से यह आरक्षण लागू हो जाएगा. करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य श्रेणियों के तहत मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं हो’

Updated On: Jan 16, 2019 08:58 AM IST

FP Staff

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2019-20 सत्र से लागू होगा सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 10% सवर्ण आरक्षण: जावड़ेकर

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऐलान किया कि वो शिक्षण सत्र 2019-20 से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करेगा. साथ ही देशभर में उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में लगभग 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाएगा.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला किया गया.

उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से ही यह आरक्षण लागू हो जाएगा. करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य श्रेणियों के तहत मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं हो.’

जावड़ेकर ने कहा, ‘इसके तौर-तरीकों पर काम हो रहा है और एक सप्ताह के भीतर हम बढ़ाई जाने वाली सीटों की सही-सही संख्या बता सकेंगे.’ उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी आरक्षण लागू करने के लिए तैयार हैं.

प्रकाश जावड़ेकर

प्रकाश जावड़ेकर

राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद देश में सवर्ण आरक्षण बन गया है कानून

बता दें कि राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्‍ताक्षर के साथ ही सवर्णों को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की मंजूरी मिल गई है. इस ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को इसी महीने खत्म हुए संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों से मंजूरी मिली थी. राज्यसभा ने 9 जनवरी को इस विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दी थी. जबकि इससे एक दिन पहले 8 जनवरी को लोकसभा ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. यहां मतदान में तीन सदस्यों ने इसके विरोध में मत दिया था.

इस आरक्षण का लाभ वही परिवार उठा सकेंगे जो लोग ईडब्लूएस कैटेगरी (गरीब) में आते हैं, जिन सवर्ण परिवारों की आय 8 लाख रुपए सालाना से कम है, जिन सवर्ण किसानों के पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन है. लाभार्थी का 1000 स्क्वायर फीट से कम जमीन वाला मकान हो. उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा जिनका गांव या छोटे शहर (म्युनिसिपलिटी एरिया) में 209 गज से छोटा प्लॉट हो.

इस संविधान संशोधन में दो अनुच्छेद 15 और और 16 में बदलाव किया गया है. अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है वहीं अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में सबके लिए एक समान अवसर उपलब्ध कराने की बात करता है.

(भाषा से इनपुट)

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