नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने संयुक्त अरब अमीरात में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाल मजदूरी या दासता से मुक्त कराए बच्चों के आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक पुनर्वास के लिए भारत की नीति बहुत मजबूत है.
साल 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले सत्यार्थी ने यहां कहा कि बच्चों के पुनर्वास के प्रावधान ब्राजील, चिली, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में बेहतर हुए हैं. शनिवार को पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सत्यार्थी ने कहा, 'जाहिर है कि हम भ्रष्टाचार, उदासीनता और देरी के मुद्दों से निपट रहे हैं.'
बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले 65 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि अब भारत में हमारे पास बाल मजदूरी या दासता से मुक्त कराए बच्चों के आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक पुनर्वास के लिए बहुत मजबूत पुनर्वास प्रावधान हैं. एक बार बच्चे मुक्त हो जाते हैं तो वे कानूनी तौर पर पुनर्वास के लाभों के अधिकारी हो जाते हैं.
उनके संगठन चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के काम पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘द प्राइस ऑर फ्री’ की स्क्रीनिंग संयुक्त अरब अमीरात में की जाएगी. सत्यार्थी बच्चों पर इंडियन बिजनेस प्रोफेशनल काउंसिल के एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.