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प्रवासी भारतीय दिवस के लिए अब तक हुआ 5802 लोगों का पंजीकरण

विदेश मंत्री ने बताया, ‘इस बार के प्रवासी भारतीय दिवस में दो नये आकर्षण हैं, जिनके कारण आप पाएंगे कि पिछली बार के मुकाबले ढाई से तीन गुना अधिक पंजीकरण इस बार हुआ है.'

Updated On: Jan 16, 2019 09:51 PM IST

Bhasha

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प्रवासी भारतीय दिवस के लिए अब तक हुआ 5802 लोगों का पंजीकरण

उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में 21 से 23 जनवरी के बीच होने वाले 'प्रवासी भारतीय दिवस' के लिए अब तक 5802 लोगों का पंजीकरण हो चुका है. यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

विदेश मंत्री ने बताया, ‘इस बार के प्रवासी भारतीय दिवस में दो नये आकर्षण हैं, जिनके कारण आप पाएंगे कि पिछली बार के मुकाबले ढाई से तीन गुना अधिक पंजीकरण इस बार हुआ है. अब तक इसके लिए 5802 लोगों का पंजीकरण हो चुका है.’

दो नए आकर्षण के बारे में सुषमा ने बताया, ‘प्रयागराज में कुंभ मेला चल रहा है और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह होना है. ऐसे में एक स्वर से यह मांग आयी कि क्या प्रवासी भारतीय दिवस की नौ जनवरी की तारीख को आगे बढाकर ऐसा नहीं कर सकते कि हम कुंभ मेले में भी जा सकें और राजपथ पर परेड भी देख सकें. विदेश मंत्री ने बताया कि इसी मांग की वजह से प्रवासी भारतीय दिवस की तारीखें आगे बढायी गयीं.

इस बार के प्रवासी भारतीय दिवस को हर मायने में खास बताते हुए उन्होंने कहा, ‘जो पुराने लोग हैं, वो तो फिर भी भारत के बारे में कुछ जानते हैं लेकिन जो युवा हैं और नौजवान हैं, जिन्हें भारतवंशी कहा जाता है, वे आज भारत के बारे में नहीं जानते. जानते भी हैं तो भारत के बारे में होने वाले दुष्प्रचार को ही जानते हैं.’

उन्होंने बताया, ‘इसी के चलते तय किया गया कि एक दिन केवल युवा प्रवासी भारतीय दिवस के लिए रखा जाएगा, जो 21 जनवरी को होगा. उसी दिन उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस भी होगा. सभी प्रवासी भारतीय युवा शाम को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) जाएंगे जहां छात्रों से उनका संवाद होगा.’

सुषमा ने बताया कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रवासी भारतीय दिवस का उदघाटन करेंगे और 23 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द इसका समापन करेंगे. इस पूरे आयोजन के दौरान प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी किया जाएगा और कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.

विदेश मंत्री ने बताया, ‘जब 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी शुरुआत की थी तो उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा था कि हमें आपका धन नहीं, अनुभव का लाभ चाहिए. तब से ये परंपरा चली आ रही है.’

इस सवाल पर कि क्या विदेश मंत्री पाकिस्तान को कोई संदेश देना चाहेंगी कि वह ऐसे अवसरों का वह लाभ उठाये, क्योंकि वहाँ रहने वाले उत्तर प्रदेश के भारतवंशी ऐसे आयोजनों को सराहते हैं, सुषमा ने कहा, ‘पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो रही है. क्योंकि यह बात स्पष्ट है कि आतंकवाद और संवाद साथ साथ नहीं चल सकते. जब सीमा पर गोलियों की बौछार हो रही हो तो वहां जाना व्यावहारिक नहीं है.’

दूसरी ओर योगी ने प्रवासी भारतीयों के रूकने की व्यवस्था के बारे में बताया, ‘काशी के बहुत से परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने इच्छा व्यक्त की थी कि जो अतिथि काशी पधार रहे हैं, उन्हें हम अपने घर में ठहराना चाहेंगे. हमने कुछ परिवारों को चुना है और यह प्रयास है कि पहली बार 'काशी आतिथ्य' के रूप में भी प्रवासी भारतीय दिवस पर आने वाले प्रवासी भारतीयों को भारतीय परिवारों में ठहराने की व्यवस्था करें.’

उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्विस काटेज का इंतजाम किया गया है और वाराणसी के प्रमुख होटलों को भी बुक किया गया है.

योगी ने बताया, ‘प्रवास के दौरान सभी अतिथि काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करेंगे. उन्हें बदलती हुई काशी दिखायी जाएगी. वे गंगा आरती में शामिल होंगे. इस दौरान काशी की परंपरा और संस्कृति से जुडे धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.’

उन्होंने बताया, ‘उत्तर प्रदेश से जुडे़ प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन 21 जनवरी को आयोजित किया गया है. बडी संख्या में लोगों ने इसके लिए पंजीकरण किया है. यह संख्या एक हजार के आसपास होगी.’

मुख्यमंत्री ने बताया, ‘प्रयागराज कुंभ में सभी प्रवासी भारतीयों को लाने की व्यवस्था की जा रही है. प्रयागराज में भी एक टेन्ट सिटी बनाया गया है. उसमें उनके रूकने की व्यवस्था है. संगम ले जाने और लाने की व्यवस्था की गयी है. लगभग 400 वर्ष बाद अक्षय वट के दर्शन का सौभाग्य भी लोगों को मिलेगा. अब सरस्वती अदृश्य नहीं है बल्कि मां सरस्वती के दर्शन किये जा सकेंगे और सरस्वती कुंड से जल का आचमन किया जा सकेगा.’

उन्होंने बताया, ‘प्रयागराज में संस्कृति ग्राम विकसित किया गया है, जहां सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर, वैदिक काल परंपरा से लेकर वर्तमान परंपरा तक भारत की परंपरा को दर्शाया गया है. अतिथियों का 24 जनवरी को प्रयागराज से दिल्ली के लिए प्रस्थान होगा और वे 25 जनवरी को दिल्ली दर्शन के पश्चात 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड देखेंगे.’

योगी ने कहा, 'आने वाले अतिथियों के लिए ये प्रवासी भारतीय दिवस एक अलौकिक अनुभव का अवसर होगा. कार्यक्रम को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न करने की तैयारी हमने की है.'

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