आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अमेरिका की वीजा नीति पर करारी चोट की है. एच1 बी वीजा के नाम पर अमेरिका की संरक्षणवादी नीति के खिलाफ बोलते हुए कहा कि ऐपल, सिस्को और आईबीएम जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों ने अगर दुनियाभर से टैलेंट और प्रॉडक्ट्स को हायर नहीं करती तो आज कहां होतीं.
एक लेक्चर में आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हमने यूएस पॉलिसी के आखिर शब्दों के बारे में सुना भी है क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक धक्का है कि दुनिया को फ्री ट्रेड प्रणाली से दूर रखा जाए.'
अमेरिका जैसी बड़ी आर्थिक शक्तियों की संरक्षणवादी नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि दुनियाभर की सबसे कामयाब कंपनियों के शेयरों की कीमतें आज ग्लोबल सप्लाई चेन की वजह से इतनी बढ़ी हैं. उन्होंने कहा, 'ऐपल कहां होता, सिस्को कहां होता, आईबीएम कहां होता, अगर इन्होंने दुनियाभर से प्रॉडक्ट्स और टैलंट को अपनाया नहीं होता.
उर्जित पटेल ने कहा, 'अमेरिका में संरक्षणवाद की मांग इक्विटी और घरेलू वितरण के मुद्दों पर होती है, जबकि अर्थशास्त्र के बुनियादी सिद्धांत कहते हैं कि यह मुद्दे घरेलू वित्तीय नीतियों द्वारा हल होने चाहिए मसलन टैक्स और आय हस्तांतरण के द्वारा.'
उन्होंने कहा कि इसके लिए कस्टम्स ड्यूटीज, बॉर्डर टैक्स जैसे ट्रेड इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल कोई कारगर तरीका नहीं है.
उन्होंने बताया कि कारोबारी नीतियों में संरक्षणवादी कदम उठा कर एक देश विकास के उलट एक अलग स्थिति पैदा कर सकता है.
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