दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में बुधवार को आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन आइसा के बीच हिंसक झड़प हुई.
ये झड़प जेएनयू के छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद को एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भेजे गए न्योते को रद्द किए जाने पर हुआ. इस झड़प में दोनों तरफ से कई छात्र, शिक्षक और पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं.
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुछ छात्रों को कथित तौर पर करीब चार-पांच घंटे तक परिसर में बंद करके भी रखा.
पुलिस का दावा है कि मौरिस नगर पुलिस थाने के एसएचओ सहित कुछ पुलिसकर्मियों से भी प्रदर्शन के दौरान बदसलूकी की गई, जिसमें सात पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. इनमें मौरिस नगर पुलिस थाने की इंचार्ज आरती शर्मा भी शामिल हैं.
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दिल्ली पुलिस ने घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने एवं ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने का मामला दर्ज किया है.
पुलिस पर आरोप
कुछ पत्रकारों ने झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों का उन पर हमला करने का आरोप लगाया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘पुलिस पर लगे आरोपों की जांच अतिरिक्त डीसीपी करेंगे. इसके अलावा दंगा करने और सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के आरोप में पुलिस की शिकायत पर कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी है.'
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उन्हें एबीवीपी और आइसा दोनों ही कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, जिसे जांच के बाद एफआईआर में जोड़ दिया जाएगा.
Communist brigade raised anti-India slogans yesterday at #Ramjas College of DU when Umar Khalid wasnt allowed inside. Shame!#SaveDU pic.twitter.com/5DRPRL0SXP
— Saket Bahuguna (@BahugunaSaket) February 22, 2017
यह झड़प उस वक्त शुरू हुई जब कुछ छात्रों और शिक्षकों ने बुधवार को सेमिनार के दौरान वहां खलल पहुंचाने वाले एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग के साथ मार्च निकालने की कोशिश की.
कॉलेज के अधिकारियों ने उमर और शेहला को भेजा गया आमंत्रण रद्द करने का फैसला किया था, जिसके बाद कुछ छात्रों और शिक्षकों ने मौरिस नगर पुलिस थाने तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी. वे एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
लेकिन, एबीवीपी सदस्यों ने मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया और छात्रों एवं शिक्षकों को कथित तौर पर रामजस कॉलेज के भीतर बंद कर दिया, जबकि आइसा कार्यकर्ताओं ने 'बंधक' बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए कॉलेज परिसर में दाखिल होने की कोशिश की.
शिक्षक घायल
इस हंगामे में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई छात्रों के अलावा कॉलेजों के तीन प्रोफेसर, अंग्रेजी के प्रशांत चक्रवर्ती, इतिहास की सुव्रिता और दर्शनशास्त्र की मौसमी बोस घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया.
The pseudo-feminists of AISA let their boys molest girls. They certainly taught me a new definition of feminism today. #Ramjas pic.twitter.com/QdEyN62bBv
— Diksha Verma (@DikshaaVerma) February 22, 2017
इस घटना के बाद जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने आरोप लगाते हुए कहा, 'एबीवीपी ने न सिर्फ सेमिनार को पूरी तरह से बाधित किया बल्कि उन्होंने महिलाओं और यहां तक कि पत्रकारों से भी गाली-गलौज की और उनकी पिटाई की. पुलिस को ऐसी गुंडागर्दी दिखाई क्यों नहीं देती? परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं लेकिन अब तक एबीवीपी के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है.'
शेहला ने पुलिस पर एबीवीपी के गुंडों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया.
कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि वह कार्यक्रम के आयोजक शिक्षकों से बात कर रहे हैं और दोनों समूहों से निवेदन किया गया है कि वे कॉलेज में शांति बिगड़ने न दें.
जेएनयू के छात्र पर पिछले साल राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था जबकि शेहला राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्रों की रिहाई की मांग के लिए चलाए गए आंदोलन से जुड़ी हुईं थीं.
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