एएमयू परिसर में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बचे बवाल के बाद एएमयू छात्रसंघ द्वारा 15 दिन से चल रहे धरने को समाप्त किए जाने का स्वागत करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह पूरे एएमयू समुदाय के लिए रमजान का तोहफा है.
मंसूर ने बातचीत में कहा कि एएमयू के छात्रों द्वारा उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने की वह प्रशंसा करते हैं. इस दौरान छात्रों ने बेहतरीन अनुशासन और सांप्रदायिक सद्भाव परिसर में बनाए रखा.
उन्होंने कहा कि पूरे आंदोलन के दौरान हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया लेकिन तोड़फोड़ की एक भी घटना नहीं हुई. भड़काए जाने के बावजूद छात्रों ने एएमयू के पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखा. उन्होंने संयम बरता और भाईचारा बनाए रखा.
जिन्ना की तस्वीर को लेकर एएमयू परिसर सुर्खियों में रहा. यह तस्वीर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में एक दीवार पर दशकों से लगी है.
एएमयू छात्रसंघ ने कक्षाओं के बहिष्कार का आह्वान किया था और परिसर में जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.
छात्रसंघ ने उन दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग करते हुए परिसर में घुस आये थे. इसके अलावा उन्होंने एएमयू छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
मंसूर ने कहा कि यह महीना शांति और आत्मावलोकन का होता है. 'मुझे यकीन है कि जब छात्र समुदाय अगले शैक्षिक वर्ष में शुरुआत करेगा तो हम अपनी उपलब्धियों और कमियों का विश्लेषण करेंगे.'
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