गुजरात में नर्मदा बांध के किनारे बनी सरदार पटेल की 182 मीटर की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ) दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस मूर्ति को नोएडा के शिल्पकार राम वनजी सुतार ने बनाया है. वह इससे पहले 50 विशाल मूर्तियां बना चुके हैं. उन्हें पदम भूषण और पदम श्री से सम्मानित किया जा चुका है. 2016 में उन्हें टैगोर अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
न्यूज18 के मुताबिक सरदार पटेल की मूर्ति के चेहरे के चुनाव के लिए सुतार ने 2000 तस्वीरों का विश्लेषण किया. उन्हें पटेल की मूर्ति का नेतृत्व इसलिए दिया गया था जिससे एक प्रभावशाली मूर्ति का निर्माण किया जा सके.
टीओआई के मुताबिक मूर्तिकार ने कहा, 'मैंने पहला स्टैच्यू 1948 में महात्मा गांधी का बनाया था जिसे महाराष्ट्र के धूलिया में एक सरकारी स्कूल में स्थापित किया गया था. यह मेरा जन्मस्थान भी था. इसकी ऊंचाई 4 फीट थी और इसे सीमेंट से बनाया गया था. मैंने महात्मा गांधी के 350 से ज्यादा स्टैच्यू बनाए हैं जिसमें टहलते हुए, बच्चों के साथ और ध्यान करते हुए गांधी की मूर्ति शामिल है.'
नोएडा सेक्टर19 में रहने वाले सुतार उस वक्त से मूर्तियां बना रहे हैं, जब से देश को आजादी मिली. सरकारें आती जाती रहीं लेकिन सुतार का मूर्ति प्रेम कम नहीं हुआ. सुतार ने बताया कि उन्होंने तमाम सरकारों में उनके नेताओं के लिए मूर्तियां बनाईं.
सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के गोंदूर गांव में हुआ था. वह 93 साल के हैं. सुतार ने 1953 में मुंबई के सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से मूर्ति बनाने में डिप्लोमा किया था.
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