निर्मोही अखाड़े के महंत भास्कर दास का शनिवार की सुबह निधन हो गया. वह 90 साल के थे. वह राम मंदिर केस के हिंदू पक्षकार थे. उन्हें 4 दिन पहले हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
उनके उत्तराधिकारी पुजारी राम दास के बताया कि मंगलवार को सांस लेने में तकलीफ व ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से ही हालत खराब होती गई. शनिवार की सुबह उन्होंने आखरी सांस ली है.
भास्कर दास को यह तीसरा हार्ट अटैक आया है. इससे पहले उन्हें साल 2003 और 2007 में भी अटैक आ चुका था.
भास्कर दास का जन्म साल 1929 में गोरखपुर के रानीडीह में हुआ था. इसके बाद साल 1946 में वह अयोध्या आ गए. साल 1949 में वह राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद केस से जुड़े.
बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाशिम अंसारी का भी हो चुका है निधन
वह साल 1966 तक राम चबूतरे के पुजारी रहे. इसके बाद वह बगल के मंदिर में रहे. साल 1986 में फैजाबाद नाका में हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत बने.
इससे पहले बाबरी मस्जिद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार हाशिम अंसारी का का भी निधन हो गया है. उनका निधन 20 जुलाई 2016 को 96 साल की उम्र में हुआ. उन्होंने अयोध्या में मंदिर और मस्जिद अगल-बगल बनाने की पेशकश की थी.
महंत भास्कर दास और हाशिम अंसारी के बीच अच्छे संबंध थे. वे कई मौको पर साथ नजर आए और इस मामले को जल्द से जल्द निपटाना चाहते थे.
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