सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर गुरुवार यानी आज सुनवाई करेगी. यह पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने गत वर्ष 27 सितंबर को 2:1 के बहुमत से मामले को सुप्रीम कोर्ट के 1994 के एक फैसले में की गई उस टिप्पणी को पुनर्विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से मना कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. मामला अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुनवाई के दौरान उठा था.
जब मामला चार जनवरी को सुनवाई के लिए आया था तो इस बात का कोई संकेत नहीं था कि भूमि विवाद मामले को संविधान पीठ को भेजा जाएगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बस इतना कहा था कि इस मामले में गठित होने वाली उचित पीठ 10 जनवरी को अगला आदेश देगी. नवगठित पांच सदस्यीय पीठ में न केवल मौजूदा प्रधान न्यायाधीश होंगे बल्कि इसमें चार अन्य न्यायाधीश भी होंगे जो भविष्य में सीजेआई बन सकते हैं. न्यायमूर्ति गोगोई के उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति बोबडे होंगे. उनके बाद न्यायमूर्ति रमण, न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की बारी आएगी.
अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित 2.77 एकड़ भूमि के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 सितंबर, 2010 के 2:1 के बहुमत के फैसले के खिलाफ सि में 14 अपीलें दायर की गयी हैं. उच्च न्यायालय ने इस फैसले में विवादित भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर- बराबर बांटने का आदेश दिया था.
इस फैसले के खिलाफ अपील दायर होने पर शीर्ष अदालत ने मई 2011 में उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
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Jan 10, 2019
राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद राम विलास वेंदाती ने सीजेआई गोगोई को हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सीजेआई के पिता कांग्रेसी थे.
सुनवाई में देरी से बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार नाराज, बोले- अदालत हालात संभाले. अयोध्या केस में रोज सुनवाई हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नव गठित पीठ 29 जनवरी को मामले की सुनवाई शुरू करेगी. सीजेआई आयोध्या मामले की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की एक नयी पीठ गठित करेंगे.
वहीं अयोध्या मामले पर सुनवाई के लिए नई तारीख मिलने से संत समाज में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अब सुनवाई को रद्द करने के अलावा कोई भी चारा नहीं है. अब सुनवाई के लिए किसी नए जज को शामिल किया जाएगा. लेकिन मामला फिलहाल टल गया है.
विपक्ष जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट में देरी करा रहा है. हिंदू समाज के सब्र का बांध टूट रहा है: वीएचपी
संवैधानिक पीठ ही मामले पर सुनवाई करेगी: सीजेआई गोगोई
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को रिपोर्ट देनी होगी कि कब तक सभी दस्तावेजों का अनुवाद हो पाएगा और मामले की सुनवाई कब शुरू हो सकेगी.
सात भाषाओं में दस्तावेजों का अनुवाद हुआ है. आठ हजार पन्नों से ज्यादा हैं दस्तावेज.
मुस्लिम पक्ष की ओर से वकीलों ने कहा कि जब मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही थी, फिर सीजेआई ने एडमिनिस्ट्रेटिव पावर से क्यों पांच जजों की बेंच बनाई.
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि सभी दस्तावेजों का ट्रांसलेशन कराया जाए. क्योंकि दस्तावेज कई अलग-अलग भाषाओं में है.
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि 1995 में कल्याण सिंह के लिए पेश हुए थे यू.यू ललित. जिसके बाद जस्टिस यू.यू ललित ने खुद को संवैधानिक पीठ से अलग करने की बात कही.
जस्टिस यू.यू ललित की जगह अब किसी अन्य जज को संवैधानिक पीठ का हिस्सा बनाया जाएगा.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब इस मामले पर नई बेंच बनाएंगे. 29 जनवरी को होगी सुनवाई.
जस्टिस यू.यू ललित ने बेंच से खुद को अलग किया. जस्टिस यू.यू ललित पर राजीव धवन ने सवाल उठाए थे. आपको बता दें कि जस्टिस यू.यू ललित कल्याण सिंह के लिए पेश हुए थे.
अयोध्या केस: हरीश साल्वे हिंदू पक्ष के वकील हैं
अयोध्या केस: कोर्ट नंबर एक में सुनवाई हो रही है
अयोध्या मामला: सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुनवाई जारी. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन बोल रहे हैं.
गुरुवार की सुनवाई में ये तय होगा कि मामले की नियमित सुनवाई कब से शुरू होगी और क्या ये रोजाना होगी.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, सुबह 10:30 बजे मामले की सुनवाई होनी है.