कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकपाल की नियुक्ति में देरी के मुद्दे पर शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा और पूछा, 'झूठी ताल' कब तक बजाएगी.
लोकपाल विधेयक 2013 में संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन प्रक्रियाओं से जुड़ी कमियों के कारण पिछले चार साल से लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है.
राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'बीत गए चार साल / नहीं आया लोकपाल / जनता पूछे एक सवाल/ कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?'
उन्होंने पूछा, 'क्या ‘लोकतंत्र के रक्षक’ और 'जवाबदेही के अग्रदूत' सुन रहे हैं?' लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून, 2013 के तहत केंद्र में लोकपाल एवं राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है. लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए लोकपाल एवं लोकायुक्तों की नियुक्ति करनी होती है.
बीत गए चार साल नहीं आया लोकपाल जनता पूछे एक सवाल कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?
Are the ‘defenders of democracy’ & ‘harbingers of accountability’ listening?#FindingLokpal pic.twitter.com/v9Kc2Io3Ur— Office of RG (@OfficeOfRG) January 5, 2018
राहुल ने लोकपाल विधेयक पारित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिसंबर 2013 में किए गए ट्वीट को भी अपनी टिप्पणी के साथ साझा किया. दिसंबर 2013 में केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार थी और उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
मोदी ने उस वक्त ट्वीट किया था, 'लोकपाल विधेयक पारित करने में सुषमा स्वराज एवं अरुण जेटली के नेतृत्व में भाजपा सांसदों की ओर से निभाई गई सकारात्मक एवं सक्रिय भूमिका पर मुझे गर्व है.'
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