दक्षिण कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) जिले के पिंगलान इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार सुबह से ही मुठभेड़ जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस इलाके में दो से तीन आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका जाताई जा रही है. इस मुठभेड़ में अब तक एक मेजर सहित 4 जवान शहीद हो गए हैं और एक जवान घायल है. वहीं एक स्थानीय नागरिक की भी मौत की खबर सामने आ रही है. सुरक्षाबल पिंगलान और उसके आसपास के इलाकों की घेराबंदी कर तेजी से सर्च अभियान चला रहे हैं.
Visuals: The 4 Army personnel including a Major, who were killed in action during encounter between terrorists and security forces, in Pinglan area of Pulwama district, belonged to 55 Rashtriya Rifles. #JammuAndKashmir (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/Wa2sxz3bzT
— ANI (@ANI) February 18, 2019
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलवामा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और पूरे इलाके को घेर लिया गया है. 55 RR, पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त ऑपरेशन जारी है. सूत्रों की मानें तो ये आतंकी 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार से जुड़े हुए हैं. फिलहाल दोनों तरफ से रुक रुक कर फायरिंग जारी है.
Jammu And Kashmir: An encounter has started between terrorists and security forces in Pinglan area of Pulwama district in South Kashmir. 2-3 terrorists are reportedly trapped. More details awaited.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
पुलवामा के आसपास के करीब 15 गांवों की घेराबंदी कर दी गई है
बता दें कि पुलवामा के लेथपोरा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा बलों की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस हमले के बाद पुलवामा के आसपास के करीब 15 गांवों की घेराबंदी कर दी गई है. बता दें पुलवामा में ही बीते गुरुवार को सीआरपीएफ (CRPF) के एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है
पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार भी ऐक्शन में है. शहादत से देशभर में पैदा हुए आक्रोश को देखते हुए सरकार ने अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है, जिनमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी और अब्दुल गनी बट शामिल हैं. अधिकारियों ने बीते रविवार को बताया कि इन 6 नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को किसी भी तरह से सुरक्षा कवर नहीं दिया जाएगा. ऑर्डर के मुताबिक रविवार शाम से ही अलगाववादियों को मिली सभी सुरक्षा और गाड़ियों को हटा लिया गया है. किसी भी प्रकार से इन 6 या किसी दूसरे अलगाववादियों को कोई कवर या सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे. अगर उन्हें सरकार के द्वारा कोई दूसरी सुविधाएं मिल रही हैं तो वे भी तत्काल हटा ली जाएंगी.
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