जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर आतंकियों ने इसकी प्लानिंग कैसे की और उन्हें सीआरपीएफ के काफिले के गुजरने की जानकारी कैसे मिली.
अब अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पुलवामा जिले में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों की आवाजाही के बारे में आतंकवादियों को जानकारी मिली होगी जिसके बाद उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में गुरुवार को सीआरपीएफ के 39 जवान शहीद हो गए. हमले के समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 2,500 से अधिक जवान घाटी में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए लौट रहे थे. इनमें से ज्यादातर छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे. ये जवान 78 वाहनों के काफिले में लौट रहे थे कि इसी दौरान दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर यह हमला हुआ.
आमतौर पर लगभग एक हजार जवान एक काफिले का हिस्सा होते है लेकिन इस बार यह संख्या 2,547 थी. अधिकारियों ने बताया कि स्टैंडर्ड्स के उल्लंघन से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कमियों की तस्वीर गहरी जांच के बाद ही साफ हो पाएगी.
एक सुरक्षा अधिकारी ने आशंका जताई, ‘सैनिकों की इतनी बड़ी आवाजाही को बहुत सारे लोग जानते होंगे. इस जानकारी के आतंकवादियों तक पहुंचने की आशंका है.’ उन्होंने बताया कि इसके अलावा, घाटी जाने वाले कर्मियों की संख्या अधिक थी क्योंकि खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से नेशनल हाईवे पर पिछले दो से तीन दिनों से कोई आवाजाही नहीं थी. उन्होंने बताया कि संबंधित एजेंसियां सभी पहलुओं से हमले की जांच करेंगी.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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