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पुलवामा हमलाः जैश सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने को लेकर चीन बना बाधक, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

धिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार इस मामले को लेकर अमेरिका से बात करेगी ताकि अजहर पर बैन लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित करवाया जा सके

Updated On: Feb 16, 2019 05:14 PM IST

FP Staff

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पुलवामा हमलाः जैश सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने को लेकर चीन बना बाधक, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और अमेरिका एक बार फिर कोशिश करेंगे कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया जाए. न्यूज 18 की खबर के अनुसार आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार इस मामले को लेकर अमेरिका से बात करेगी ताकि अजहर पर बैन लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित करवाया जा सके. हालांकि इस मामले में सबसे बड़ा बाधक चीन बना बैठा है, जो भारत के इस कदम में लगातार समस्या पैदा कर रहा है.

चीन के पास वीटो (VETO) की शक्ति है

बता दें कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और इसकी वजह से चीन के पास वीटो (VETO) की शक्ति है. वहीं चीन, पाकिस्तान का करीबी भी है. भारत, अमेरिका, यूके या फ्रांस द्वारा जब भी अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की कोशिश की गई तो हमेशा चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल किया. भले ही जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली हो लेकिन चीन सरकार ने संकेत दिया है कि वह इस मामले में अपना स्टैंड नहीं बदलेगा. इस मामले में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा-जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी सूची में शामिल कर दिया गया है.

आतंकवादी संगठन की सारी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाए

चीन इस मुद्दे को उचित और जिम्मेदाराना तरीके से देखेगा. वहीं भारत को उम्मीद है कि अमेरिका के साथ मिलकर अजहर को अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए चीन पर दबाव बनाया जा सकता है. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में जितने आतंकवादी संगठन सूचीबद्ध हैं उनकी सारी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाए. हालांकि देखा जाए तो पिछले एक साल से भारत ने अजहर को वैश्विक आंतकवादी की लिस्ट में शामिल करने के लिए बहुत ज्यादा कोशिश नहीं की थी क्योंकि डोकलाम के बाद भारत लगातार चीन से अपने संबंध अच्छे करने में लगा हुआ था.

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