जम्मू में आतंकी हमले के बाद हुई हिंसा के कारण कर्फ्यू लगा दिया गया है. हिंसा में 12 लोग घायल हो गए और दर्जनों से ज्यादा वाहनों पर अटैक करते हुए भीड़ ने बंद का ऐलान कर दिया. ये हिंसा पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद हुई, जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे.
जम्मू में इस स्थिति को काबू में करने के लिए और लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए सेना की मदद ली गई है. अधिकारियों ने बताया कि सेना ने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनाए रखने में प्रशासन की मदद करने का अनुरोध किया. साथ ही फ्लैग मार्च किया.
अधिकारियों का कहना है कि साम्प्रदायिक हिंसा की आशंका के चलते कर्फ्यू लगाया गया है. लाउडस्पीकर के जरिए कर्फ्यू लागू होने की घोषणा के बाद भी प्रदर्शनकारी लौटे नहीं, वहीं पुराने शहर में भी भीड़ देखी गई. जम्मू के पुलिस उपायुक्त रमेश कुमार ने कहा, 'हमने एहतियाती कदम के तौर पर जम्मू शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया है.'
अधिकारियों के मुताबिक जम्मू शहर पूरी तरह बंद है और सड़कों पर कोई वाहन नहीं है. सभी दुकानें और बाजार बंद हैं. जम्मू शहर में ज्यूल चौक, पुरानी मंडी, रेहारी, शक्तिनगर, पक्का डंगा, जानीपुर, गांधीनगर और बक्शीनगर समेत दर्जनों स्थानों पर लोगों ने पाकिस्तान के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुज्जर नगर इलाके में झड़पें हुई और पथराव के कारण कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बड़ी झड़प होने से रोक दी. पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कई सड़कों पर टायर फूंके. प्रदर्शनकारियों ने बदले की मांग करते हुए सड़कों को जाम कर दिया.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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