भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने 100वें उपग्रह का प्रक्षेपण कर दिया है. चेन्नई से 110 किलोमीटर दूर स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इस 100वें उपग्रह के साथ 30 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए गए.
उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन ए एस किरण ने कहा है कि 'पिछली बार पीएसएलवी के प्रक्षेपण के दौरान दिक्कत हुई थी. इस बार हमने उनमें सुधार किया और सफलता से सेटेलाइट लॉन्च किए. हमें खुशी है कि हमने नए साल पर देश को ऐसा तोहफा दिया है.'
During the last PSLV launch we had problems, today what has happened proves that the problem was properly addressed and rectified. Happy to give this new year gift to the country: AS Kiran, ISRO pic.twitter.com/qoyMh95cNP
— ANI (@ANI) January 12, 2018
अपने इस 42वें मिशन के लिए इसरो ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी40 भेजा है, जिसने कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह और 30 सह-यात्रियों (जिनका कुल वजन करीब 613 किलोग्राम है) को लेकर शुक्रवार सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर उड़ान भरी.
CONGRATULATIONS #ISRO!!@isro successfully launches 100th satellite #Cartosat-2 series from Satish Dhawan Space Centre at #Sriharikota. #PSLVC40 #PSLV @PMOIndia pic.twitter.com/boXaMXTxLl
— Doordarshan National (@DDNational) January 12, 2018
भारत की उपलब्धि पर पाकिस्तान परेशान
इसरो और भारत की इस उपलब्धि पर पाकिस्तान हैरान-परेशान नजर आ रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से इसरो के 100वें उपग्रह की लॉन्चिंग से पहले कहा गया है कि भारत जिन उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है, उससे वह दोहरी नीति अपना रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि इन उपग्रहों का इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उदेश्य में किया जा सकता है. उसने कहा है कि इसका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं के लिए न किया जाए, अगर ऐसा होता है तो इसका क्षेत्र पर गलत प्रभाव पड़ेगा.
मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड द्वारा तय किए गए समय पर मुहर लगाए जाने के बाद इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी40/ कार्टोसेट2 श्रृंखला के उपग्रह मिशन की 28 घंटे की उलटी गिनती गुरुवार सुबह पांच बजकर 29 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू हो गई.
Satellite ‘Cartosat-2’ series launch: All nano satellites separated pic.twitter.com/DEq9CUPZF6
— ANI (@ANI) January 12, 2018
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से इस 44.4 मीटर लंबे रॉकेट को प्रक्षेपित किया गया.
सह-यात्री उपग्रहों में भारत का एक माइक्रो और एक नैनो उपग्रह शामिल है जबकि छह अन्य देशों - कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के तीन माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल किए जा रहे हैं.
इसरो और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच हुए व्यापारिक समझौतों के तहत इन 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया. यह 100वां उपग्रह कार्टोसेट -2 श्रृंखला का तीसरा उपग्रह है.
(इनपुट भाषा से)
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