प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है कि पिछले चार साल में 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे गए है. इनमें चार करोड़ कनेक्शन गरीब महिलाओं को मुफ्त में दिए गए. जबकि आजादी के बाद के छह दशकों में मात्र 13 करोड़ कनेक्शन ही बांटे गए थे.
सोमवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाओं से वीडियो कांफ्रेस में बातचीत के दौरान मोदी ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं और बच्चों को रसोई के धुंए से बचाने के प्रयास तेज किए हैं. इस दौरान अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने भी अपनी मां को रसोई में चूल्हे में लकड़ी और गोबर के उपलों से उठने वाले धुंए के साथ संघर्ष करते देखा है.
Prime Minister Narendra Modi said the Bharatiya Janata Party Government under Ujjwala Yojana provided LPG connections to 10 Crore households in the span of four years, a task which the previous government could not achieve in decades.
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उन्होंने कहा कि आने वाले भविष्य में वह स्वच्छ ईंधन को 100% घरों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मोदी ने कहा , ‘साल 2014 तक केवल 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे गए थे. यह भी अधिकतर अमीर या सक्षम लोगों को दिए गए. पिछले चार साल में हमने 10 करोड़ नए एलपीजी (रसोई गैस) कनेक्शन बांटे हैं. वह भी अधिकतर गरीब लोगों को. ‘उज्ज्वला योजना’ ने गरीब , हाशिए पर रहने को मजबूर, दलित और आदिवासी समुदाय को मजबूती प्रदान की है. सामाजिक सशक्तिकरण में इस पहल की केंद्रीय भूमिका है.’
Till 2014, 13 crore families got LPG connection. This means, for over six decades the figure stood at 13 crore. It was mostly the rich people who got LPG connections. In the last 4 years, 10 crore new connections have been added and the poor benefited: PM Modi pic.twitter.com/zhAFOgPpkD
— ANI (@ANI) May 28, 2018
5 सालों में 8 करोड़ लोगों को मुफ्त LPG कनेक्शन देने का लक्ष्य
बता दें 2016 की मई में शुरु की गई उज्ज्वला योजना का लक्ष्य अगले तीन सालों में पांच करोड़ लोगों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना है. विशेषकर ऐसी महिलाओं या परिवारों को जो बेहद गरीब हैं. इसका मकसद लकड़ी और गोबर के उपलों जैसे प्रदूषणकारी ईंधन के उपयोग को कम करना हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रपट के अनुसार भारत में हर साल 13 लाख असमय मौत इसकी वजह से होती हैं.
इस साल इस लक्ष्य को संशोधित कर आठ करोड़ कर दिया गया और वक्त को भी दो साल और बढ़ा दिया गया.
मार्च 2019 तक भारत अपने 80% परिवारों में एलपीजी के उपयोग को सुनिश्चित करना चाहता है. 2017 में यह 72.8% था. हालांकि प्रधानमंत्री ने 100% के लक्ष्य तक पहुंचने की कोई तारीख नहीं बताई.
मोदी ने कहा कि एलपीजी सर्वसुलभ और सबसे साफ ऊर्जा का स्रोत है. यह महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली देता है , उनका समय बचाता है और वित्तीय तौर पर उनकी मदद करता है. साथ ही पर्यावरण को बचाने में भी मदद .
उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत बांटे गए चार करोड़ कनेक्शनों में से करीब 45% दलितों को दिए गए.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दलितों के सशक्तिकरण के लिए मजबूती से खड़ी है. 2014 से अब तक 1,200 पेट्रोल पंपों का आवंटन दलित परिवारों को किया गया जबकि पिछली यूपीए सरकार में 2010 से 2014 के बीच केवल 445 पेट्रोल पंपों का आवंटन ही ऐसे परिवारों को किया गया.
ठीक इसी प्रकार एलपीजी वितरक का लाइसेंस भी उनके कार्यकाल में 1,300 परिवारों को दिया गया है जबकि पहले के सालों में यह संख्या मात्र 900 थी.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दलालों को हटाने के प्रति गंभीर है. इसलिए लाभार्थियों की सूची को पारदर्शी बनाया गया है.
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