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SCO सम्मेलन में शामिल होने PM मोदी चीन पहुंचे, शी जिनपिंग से करेंगे द्विपक्षीय वार्ता

इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है कि मोदी और पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बीच क्या कोई बातचीत होगी

Updated On: Jun 09, 2018 01:26 PM IST

FP Staff

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SCO सम्मेलन में शामिल होने PM मोदी चीन पहुंचे, शी जिनपिंग से करेंगे द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा लेने शनिवार सुबह चीन के चिंगडाओ पहुंचे. एससीओ का यह 18वां शिखर सम्मेलन है जो दो दिनों तक चलेगा.

शुक्रवार को पीएम मोदी ने इस बैठक को लेकर अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक संदेश दिया. पीएम ने कहा, परस्पर सहयोग के लिए एससीओ का विस्तृत एजेंडा है जिसमें आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई शामिल है. इस एजेंडे में एक दूसरे से संपर्क, व्यापार, कानून, स्वास्थ्य और कृषि में सहयोग भी शामिल है. एससीओ में पर्यावरण की रक्षा, आपदा के खतरों को कम करना और लोगों के बीच संबंध की बेहतरी के लिए भी क्या उपाय हो सकते हैं, ये भी समाहित है.

एक रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी चीन की राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. इन दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच दोपक्षीय वार्ता होगी. इससे पहले पीएम मोदी दुनिया के और भी कई नेताओं से मुलाकात करेंगे.

इस सम्मेलन में आतंकवाद को लेकर भारत दुनिया के अन्य देशों पर कितना असर डाल पाता है, यह देखना अहम होगा. फर्स्टपोस्ट में प्रकाशित अपने एक आलेख में विनय कौरा ने लिखा, मोदी सरकार को यह बात भलीभांति पता है कि पाकिस्तान के बरक्स चीन को मना लेना टेढ़ी खीर है. चीन आतंकी मसूद अजहर और हाफिज सईद को वैश्विक घोषित घोषित करने में भारत के प्रयासों में अड़ंगा डालता रहा है. ऐसे में भारत के खिलाफ चल रही आतंकी साजिशों के खिलाफ एससीओ में कोई भी बात मनवा लेना भारत की कूटनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा.

एससीओ सम्मेलन से ठीक पहले गुरुवार को छपे एक लेख में चीनी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारत के नीति निर्धारकों ने हालांकि औद्योगीकरण पर फोकस किया है, खासकर 2014 में पीएम मोदी की सरकार बनने के बाद जिसमें 'मेक इन इंडिया' पहल की शुरुआत की गई.

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, इससे पहले नई दिल्ली को अपने विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने के लिए इतना दबाव में कभी नहीं देखा गया. अब जबकि 2019 का चुनाव नजदीक आ रहा है, विनिर्माण क्षेत्र की चुनौतियां मोदी सरकार को और गंभीरता से घेर रही हैं. इन सब के बावजूद भारत का लचर रोजगार बाजार और हाल में रुपए में अवमूल्यन मोदी सरकार को यही याद दिलाएंगे कि इन सभी चुनौतियों का एक ही उपाय औद्योगीकरण है.

आतंकवाद, चरमपंथ पर होगी बात

सम्मेलन में जुटे नेता कई मुद्दों पर भी चर्चा के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत करने के ठोस तरीके तलाशेंगे.

पीटीआई-भाषा ने बताया, एससीओ देशों के नेताओं के साथ मोदी के करीब आधा दर्जन दोपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है कि मोदी और पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के बीच क्या कोई बातचीत होगी. हुसैन भी चीन में हो रहे इस सम्मेलन में शरीक होने वाले हैं.

ईरान एटमी समझौता से हाल ही में अमेरिका के हटने, रूस के खिलाफ उसके प्रतिबंधों और व्यापार शुल्क को लेकर बीजिंग के साथ तकरार चलने के बीच चीन में यह सम्मेलन हो रहा है. कई सदस्य देशों के राजनयिकों ने पीटीआई-भाषा से कहा है कि सम्मेलन में या इसके इतर होने वाली चर्चाओं में ये सभी मुद्दे उठ सकते हैं.

वुहान वार्ता को आगे बढ़ाएंगे पीएम मोदी

चिंगदाव पहुंचने के बाद मोदी के शी के साथ एक दोपक्षीय बैठक करने का कार्यक्रम है, जिस दौरान दोनों नेताओं के व्यापार और निवेश को मजबूत करने के तरीके तलाशने की उम्मीद है. इसके अलावा, वे दोनों दोपक्षीय सहयोग की भी समीक्षा करेंगे. कुछ हफ्ते पहले ही दोनों नेताओं ने चीनी शहर वुहान में एक अनौपचारिक बैठक की थी. उसमें उन्होंने दोनों एशियाई देशों के बीच संबंध मजबूत करने पर गौर किया था.

गौरतलब है कि भारत पिछले साल एससीओ का सदस्य बना था. वह 2005 से एससीओ का पर्यवेक्षक था. भारत के साथ पाकिस्तान को भी पिछले साल एससीओ की सदस्यता दी गई थी.

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