मंत्रिपरिषद् ने उत्तर प्रदेश निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (तृतीय संशोधन) नियमावली-2018 को सोमवार को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही प्रदेश में प्रति वर्ष सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई निर्णय लिए गए. इसकी नियमावली के नियम-3 में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि छह से 14 वर्ष की आयु तक के ऐसे किसी भी बालक/बालिका को बिना स्कूल का माना जाएगा, जिसका कभी किसी प्रारम्भिक स्कूल में दाखिला नहीं कराया गया हो, या नामांकन के बाद बिना पूर्व सूचना के लगातार 45 दिन या उससे अधिक अवधि से स्कूल में अनुपस्थित रहा हो.
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इसी तरह नियमावली के नियम-19 के उप नियम-1 में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि स्कूल के अध्यापक हर छात्र की सीखने की योग्यता का निर्धारण करेंगे और उसके अनुसार दिए जाने वाले किसी निर्देश का पालन करेंगे.
नियमावली के नियम-22 के उप नियम-3 में यह व्यवस्था की गई है कि ‘शिक्षा के गुणवत्ता के निर्धारण एवं उसमें सुधार के लिए छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए शिक्षण परिणामों के आधार पर प्रत्येक वर्ष के फरवरी माह में प्रत्येक स्कूल की ग्रेडिंग की जाएगी.
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