राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश महेश्वरी और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया है. बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर हस्ताक्षर किया. हालांकि कानूनी बिरादरी ने इन नियुक्तियों पर विरोध दर्ज किया हैं.
गौरतलब है कि दिसंबर में कॉलेजियम, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पांच जस्टिस शामिल हैं, ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस राजेंद्र मेनन और राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए सिफारिश करने का फैसला किया था. लेकिन यह फैसला जनवरी में पलट दिया गया था. इसके बाद कॉलेजियम ने जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस खन्ना के नाम भेजे थे.
President Ram Nath Kovind appoints Justice Dinesh Maheshwari, chief justice of Karnataka High Court, to be a judge of the Supreme Court of India with effect from the date he assumes charge of his office. https://t.co/92msOhQyqx
— ANI (@ANI) January 16, 2019
राष्ट्रपति कोविंद द्वारा की गई इन नियुक्तियों पर कानूनी बिरादरी के एक वर्ग ने विरोध जताया है. उनका तर्क है कि जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने का फैसला जस्टिस नंदराजोग सहित कई वरिष्ठ जजों को नजरअंदाज कर के लिया गया है. उनका कहना है कि कई वरिष्ठ जजों को दरकिनार करते हुए इन दोनों को नियुक्त किया गया है.
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