राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि सिविल सेवकों (IAS अधिकारियों) में नेताओं को सच्ची, स्वतंत्र और निष्पक्ष सलाह देने का साहस होना चाहिए. राष्ट्रपति कोविंद ने मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशिक्षण ले रहे सिविल सेवकों के एक समूह से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि नेताओं को लोकतंत्र में जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने और सरकार का एजेंडा तय करने के लिए चुना जाता है. उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को नीति बनाने और उसे लागू करने में नेताओं की सहायता करनी चाहिए.
कोविंद ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी नीतियां, कानून और संविधान की भावना के अनुसार बनाई जाए. उन्होंने कहा, ‘सिविल सेवकों में नेताओं को सच्ची, स्वतंत्र और निष्पक्ष सलाह देने का साहस होना चाहिए.’
राष्ट्रपति ने कहा कि पेशेवर आचरण, अधिकारियों की ईमानदारी और अखंडता, विनम्रता और भारत तथा समाज की विविधता के प्रति संवेदनशीलता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी होने के नाते जाति, समुदाय और क्षेत्रीय पहचान से ऊपर उठकर बड़ी प्रतिबद्धता को मन में बैठाना चाहिए और उसका प्रदर्शन करना चाहिए. कोविंद ने कहा, ‘आपको उन नागरिकों की सेवा करने के लिए अपनी ऊर्जा पर ध्यान लगाना होगा जो आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर वंचित हैं.’
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