एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एनजीओ कॉमन कॉज ने वकील प्रशांत भूषण के जरिए यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है.
एम नागरेश्वर राव को सीबाआई के अंतरिम डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इसके लिए एनजीओ कॉमन कॉज ने याचिका दायर की है. जिसमें एम नागरेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती दी गई है.
NGO Common Cause through senior advocate Prashant Bhushan approaches Supreme Court against M Nageswara Rao’s appointment as interim director of the Central Bureau of Investigation (CBI). pic.twitter.com/EYgCKtS55D
— ANI (@ANI) January 14, 2019
दरअसल, सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा को सरकार के जरिए हटा दिया गया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन पर यह फैसला लिया गया. छुट्टी पर भेजे जाने के 77 दिन बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने अपना कार्यभार संभाला था. 23 अक्टूबर 2018 की देर रात केंद्र सरकार ने एक आदेश के जरिए जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था.
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा वापसी के फौरन बाद एक्शन में दिखे. उन्होंने अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव के जरिए किए कई ट्रांसफर आदेशों को रद्द कर दिया था. हालांकि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय सेलेक्शन कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया. CVC की रिपोर्ट भी वर्मा के खिलाफ थी. कमिटी ने भ्रष्टाचार मामलों में दोषी पाते हुए आलोक वर्मा को हटाने का फैसला किया.
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