इमरजेंसी भारतीय इतिहास के काले पन्नों में दर्ज एक ऐसी घटना है जिसके बारे में आने वाली पीढ़ियों को जानना चाहिए. देश के मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कुछ ऐसा ही बयान दिया है.
जावड़ेकर ने कहा कि हमारी किताबों में इमरजेंसी पर कई अध्याय हैं और इसका कई बार जिक्र भी आता है लेकिन हमें अपने कोर्स मैटेरियल में यह भी जोड़ना होगा कि आखिर इमरजेंसी ने लोकतंत्र को कैसे प्रभावित किया.
There are chapters and references in our textbooks on emergency but we will also include in our syllabus how did the black phase of emergency affected the democracy. So that the future generations get to know about it: Human Resource Development Minister Prakash Javadekar #Delhi pic.twitter.com/PR3BOHFouI
— ANI (@ANI) June 25, 2018
जावड़ेकर ने कहा कि भविष्य में जब बच्चे इसके बारे में पढ़ेंगे तो वह बेहतर तरह से इमरजेंसी के बारे में जान सकेंगे. बता दें कि इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून, 1975 को इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को एक बड़े जेलखाने में बदल दिया था. इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीन लिया गया था.
इंदिरा गांधी सरकार ने जयप्रकाश नारायण समेत लगभग एक लाख राजनीतिक विरोधियों को देश के अलग-अलग जेलों में ठूंस दिया था और कड़ा प्रेस सेंसरशिप लगा दिया था.
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