प्रद्युम्न मर्डर मिस्ट्री में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस मर्डर मिस्ट्री ने एक बार फिर से नया मोड़ ले लिया है. 11वीं कक्षा के गिरफ्तार छात्र ने सीबीआई पर जबरदस्ती हत्या का जुर्म कबूल करवाने का आरोप लगाया है.
सोमवार को आरोपी छात्र से बयान दर्ज करने के लिए बाल सुरक्षा व संरक्षण अधिकारी पहुंचे थे. बाल सुरक्षा व संरक्षण अधिकारी ने आरोपी छात्र से बंद कमरे में करीब दो घंटे तक की पूछताछ की. इस पूछताछ में आरोपी छात्र ने बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा किया है. आरोपी छात्र ने सीबीआई पर आरोप लगाया है कि सीबीआई ने मुझसे यह जुर्म कबूल करने के लिए जबरदस्ती दबाव बनाया.
आरोपी ने दिया चौंकाने वाला बयान
आरोपी छात्र ने बाल सुरक्षा व संरक्षण अधिकारी को दिए बयान में कहा है, ‘सीबीआई ने मुझसे कहा इस हत्या का जुर्म तुमको कबूल करना ही पड़ेगा. अगर ऐसा तुमने नहीं किया तो हम तुम्हारे भाई की हत्या कर देंगे. मैं अपने छोटे भाई को बहुत प्यार करता हूं. मैं उसको मरते नहीं देख सकता. सीबीआई ने जैसा हमसे कहा, वैसा मैंने कर दिया.’
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इस मर्डर मिस्ट्री में सीबीआई ने गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल के 16 वर्षीय छात्र को गिरफ्तार किया था. 11वीं कक्षा के इस छात्र की गिरफ्तारी के बाद से ही सीबीआई इस हत्याकांड का खुलासा करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही थी.'
सीबीआई ने हरियाणा पुलिस की थ्योरी को पलटते हुए आरोपी छात्र को प्रद्युम्न की हत्या में गिरफ्तार कर सनसनी फैला दी थी. आरोपी छात्र इस वक्त बाल सुधार गृह में रह रहा है.
इस हत्याकांड में आए नए बदलाव के बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि कौन सच बोल रहा है, कौन झूठ बोल रहा है? एक तरफ सीबीआई की नई थ्योरी ने इस केस में जान ली दी थी, तो दूसरी तरफ आरोपी छात्र के बयान ने केस को फिर से एक नया मोड़ दे दिया है.
पिछले गुरुवार को ही सीबीआई ने मौके-ए-वारदात पर पहुंचकर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया था. आरोपी छात्र को सीबीआई उस दुकान पर भी लेकर गई थी जहां से उसने चाकू खरीदा था.
सीबीआई अपने रुख पर अड़ी है
सीबीआई की तरफ से ये कहा जा रहा है कि बच्चा दिमागी तौर पर कमजोर है. सीबीआई के मुताबिक आरोपी छात्र ने पीटीएम और परीक्षा रद्द करवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की. सीबीआई के दावे को आरोपी छात्र के दोस्तों के तरफ से भी रजामंदी मिल रही है. ऐसे में सीबीआई सबूत के तौर पर अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कई तरह के प्रयोग में लग गई है.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपी छात्र को झूठ पकड़ने वाली मशीन के सामने भी पेश किया जा सकता है. सीबीआई इसके लिए अदालत से अनुमति लेने पर भी विचार कर रही है.
हम आपको बता दें कि पॉलीग्राफिक टेस्ट, लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट के द्वारा झूठ पकड़ा जाता है. प्रद्युम्न मर्डर केस में पॉलीग्राफिक टेस्ट या लाई डिटेक्टर से ही आरोपी छात्र को गुजरना पड़ सकता है.
सीबीआई कर रही है पूरी तैयारी
हलांकि, नार्को टेस्ट भारत जैसे देशों में बैन है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए प्रतिबंध लगा रखा है और दूसरे देश में भी नार्को टेस्ट की इजाजत नहीं है. भारत में विशेष परिस्थिति में कोर्ट के आदेश के बाद ही नार्को टेस्ट की अनुमति मिलती है. कोर्ट बच्चे की मानसिक स्थिति और उम्र के हिसाब से नार्को टेस्ट की अनुमति दे भी सकती है और उसे रिजेक्ट भी कर सकती है.
कुल मिलाकर सीबीआई की नई थ्योरी और आरोपी छात्र के नए खुलासे ने केस को नया मोड़ दे दिया है. सीबीआई को पहले से ही इस बात की आशंका थी इसी को ध्यान में रखते हुए सीबीआई भी इस केस में हर वो सबूत तैयार कर रही है, जिससे आरोपी बचकर नहीं निकल सके.
दूसरी तरफ प्रद्युम्न का परिवार भी आरोपी छात्र पर शिकंजा कसने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर लगातार यह कह रहे हैं कि आरोपी छात्र की बालिग की तरह केस की सुनवाई की जाए.
अगर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी छात्र को बालिग मान लिया तो उसके कृत्य के लिए उसे उम्रकैद की भी सजा हो सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसे 3 साल के लिए बाल सुधार गृह में ही रखा जाएगा.
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