देश भर में छोटी बच्चियों के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामलों को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इस अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी है.
नए अध्यादेश के मुताबिक 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी. वहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने वाले को दी जाने वाली कम से कम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई है. दोषी को उम्रकैद भी हो सकती है. इसके अलावा मामलों में जांच और सुनवाई की प्रकिया को लेकर भी कुछ अहम बदलाव किए गए हैं.
इस अध्यादेश के जरिए पॉक्सो एक्ट में हुए खास बदलाव के बारे में बताते हैं...
दोषी को कड़ी से कड़ी सज़ा
- पहले महिलाओं से रेप की न्यूनतम सजा 7 साल सश्रम कारावास थी, इस अध्यादेश में इसे बढ़ाकर 10 साल करने का प्रावधान है. सजा को उम्रकैद तक बढ़ाया भी जा सकता है.
- 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप पर न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है. इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है.
- 16 साल से कम उम्र की बच्ची से गैंगरेप के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.
- 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के लिए बेहद कड़ी सजा का प्रावधान है. दोषी को कम से कम 20 साल या आजीवन कारावास या फांसी की सजा दी जाएगी
- 12 साल से कम उम्र की बच्ची से गैंगरेप के दोषियों को आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जाएगी.
जांच और सुनवाई के लिए समय सीमा तय
- रेप के हर मामले की जांच किसी भी हाल में 2 महीने के अंदर पूरी की जाएगी.
- रेप मामलों की सुनवाई भी 2 महीने के अंदर पूरी कर ली जाएगी.
- रेप मामलों में अपील और अन्य सुनवाई के लिए अधिकतम छह महीने का वक्त दिया जाएगा.
नहीं मिलेगी जमानत
- 16 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप या गैंगरेप के आरोपी के लिए अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं होगा.
- 16 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप मामले में बेल पर सुनवाई से पहले कोर्ट को पब्लिक प्रोसिक्यूटर और पीड़िता पक्ष को 15 दिन का नोटिस देना होगा.
कोर्ट और पब्लिक प्रॉसिक्यूशन को बनाया जाएगा मजबूत
- राज्यों/यूनियन टेरिटरी और हाईकोर्ट्स से चर्चा के बाद नए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाएगा.
- राज्यों में पब्लिक प्रॉसिक्यूटरों के लिए नए पद निकाले जाएंगे और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.
- सभी पुलिस थानों और अस्पतालों में रेप मामलों के लिए विशेष फॉरेंसिक किट उपलब्ध कराए जाएंगे.
- रेप मामलों की तय समयसीमा में जांच के लिए पुलिस और अन्य स्टाफ की भूमिका तय की जाएगी.
- हर राज्य में रेप मामलों की जांच के लिए स्पेशल फॉरेंसिक लैब सेट अप किए जाएंगे.
- ये कदम नए मिशन मोड प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं जिसे तीन महीने के अंदर लॉन्च किया जाएगा.
तैयार होगा यौन अपराधियों का डेटाबेस
- नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) यौन अपराधियों का एक डेटाबेस तैयार करेगा जिसमें अपराधियों की पूरी प्रोफाइल मौजूद रहेगी.
- यह डेटा नियमित रूप से राज्यों के साथ शेयर किया जाएगा ताकि पुलिस को ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग, जांच और वेरिफिकेशन में मदद मिल सके.
पीड़ितों की मदद
- रेप पीड़िताओं की मदद के लिए बनाए गए वन स्टॉप सेंटरों का विस्तार देश के हर जिले में किया जाएगा.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.