प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के एनपीए की सौंपी गई सूची की जानकारी मांगने वाले एक आरटीआई आवेदन को ‘घुमंतू पूछताछ’ करार दिया है.
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से राजन द्वारा एनपीए की सौंपी गयी सूची की जानकारी मांगी गई थी. पीएमओ ने कहा कि आवेदन के तहत पूछे गए सवाल आरटीआई अधिनियम के तहत परिभाषित ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आते हैं.
पीएमओ में अवर सचिव प्रवीण कुमार ने कहा, ‘मांगी गई सूचना दिशाहीन हैं और आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 2 (एफ) के तहत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं है.’
आवेदनकर्ता ने राजन द्वारा सौंपी गयी सूची, पीएमओ के इस सूची पर उठाए गए कदम और उस प्राधिकरण की जानकारी मांगी थी जिसे यह भेजे गए थे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह भी बताने से मना कर दिया कि राजन ने यह सूची कब दी थी.
रघुराम राजन ने आकलन समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को सार्वजनिक बैंकिंग प्रणाली में बढ़ती धोखाधड़ी की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था, ‘रिजर्व बैंक ने जांच एजेंसियों के साथ शीघ्रता से जानकारियां साझा करने के लिए मेरे कार्यकाल के दौरान धोखाधड़ी निगरानी सेल गठित की थी. मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय को हाईप्रोफाइल मामलों की सूची भी सौंपी थी और कहा था कि हम एक या दो को वापस लाने पर समन्वय कर सकते हैं. मैं इस मामले में उठाए गए कदम से अवगत नहीं हूं. यह ऐसा मामला है जिसे त्वरित समाधान की जरूरत है.’
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