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2019 की पहली 'मन की बात' में PM मोदी ने बताई ये बातें, स्वच्छता पर दिया जोर

प्रधानमंत्री ने अपने मासिक कार्यक्रम में कहा, इस साल हमारे देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, यह पहला अवसर होगा जहां 21वीं सदी में जन्मे युवा लोकसभा चुनावों में अपने मत का उपयोग करेंगे

Updated On: Jan 27, 2019 12:21 PM IST

FP Staff

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2019 की पहली 'मन की बात' में PM मोदी ने बताई ये बातें, स्वच्छता पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 52वें एपिसोड में रविवार यानी आज जनता से बात की. बता दें कि साल 2019 का यह पहला प्रसारण था. यह कार्यक्रम डीडी नेशनल, डीडी न्यूज और डीडी इंडिया पर सुबह 11 बजे से प्रसारित हुआ और साथ ही विभिन्न वेबसाइटों पर इसका सीधा प्रसारण किया गया. इसके अलावा पीएमओ, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, ऑल इंडिया रेडियो और डीडी के यूट्यूब चैनल पर भी इसे देखा गया. आइए जानते हैं इसकी 10 खास बातें-

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- बीती 21 तारीख को एक शोक का समाचार मिला. कर्नाटक में टुमकुर जिले के श्री सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी हमारे बीच नहीं रहे. स्वामी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज-सेवा में समर्पित किया था. अपने 111 वर्षों के जीवन काल में उन्होंने हज़ारों लोगों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया. स्वामी जी के जीवन में यह प्राथमिकता रहती थी कि लोगों को भोजन, आश्रय, शिक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान मिले तथा किसानों का हर तरह से कल्याण हो. सिद्धगंगा मठ नियमित रूप से पशु और कृषि मेलों का भी आयोजन करता था.

पीएम ने कहा-25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था, जिसे #NationalVotersDay के रूप में मनाया जाता है।. भारत में बड़े पैमाने पर चुनाव का आयोजन हमारा चुनाव आयोग करता है जिसे देखकर प्रत्येक देशवासी को चुनाव आयोग पर गर्व होना स्वाभाविक है. पीएम ने कहा- जहां एक ओर हिमाचल प्रदेश में समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी मतदान केंद्र स्थापित किया जाता है, तो वहीं अंडमान और निकोबार के द्वीप समूह में दूर-दराज के द्वीपों में भी वोटिंग की व्यवस्था की जाती है. मैं, हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने का निरंतर प्रयास करने के लिए चुनाव आयोग की सराहना करता हूं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- इस साल हमारे देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, यह पहला अवसर होगा जहां 21वीं सदी में जन्मे युवा लोकसभा चुनावों में अपने मत का उपयोग करेंगे. अब वो देश में निर्णय प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने जा रहे हैं. खुद के सपनों को, देश के सपनों के साथ जोड़ने का समय आ चुका है.

पीएम मोदी ने कहा- भारत की इस महान धरती ने कई सारे महापुरुषों को जन्म दिया है और उन महापुरुषों ने मानवता के लिए कुछ अद्भुत, अविस्मरणीय कार्य किए हैं. हमारा देश बहुरत्ना-वसुंधरा है. ऐसे महापुरुषों में से एक थे -नेताजी सुभाष चन्द्र बोस.

जब मैं लाल किले में, क्रान्ति मंदिर में नेताजी से जुड़ी यादों के दर्शन कर रहा था तब मुझे नेताजी के परिवार के सदस्यों ने बहुत ही खास टोपी भेंट की. कभी नेताजी उस टोपी को पहना करते थे. मैंने संग्रहालय में ही, उस टोपी को रखवा दिया, जिससे वहां आने वाले लोग भी उस टोपी को देखें.

30 दिसंबर को मैं अंडमान और निकोबार द्वीप गया था. एक कार्यक्रम में ठीक उसी स्थान पर तिरंगा फहराया गया, जहां नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा फहराया था. सुभाष बाबू को हमेशा एक वीर सैनिक और कुशल संगठनकर्ता के रूप में याद किया जाएगा. एक ऐसा वीर सैनिक जिसने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई. दिल्ली चलो, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा, जैसे ओजस्वी नारों से नेताजी ने हर भारतीय के दिल में जगह बनाई. कई वर्षों तक यह मांग रही कि नेताजी से जुड़े दस्तावेज को सार्वजनिक किया जाए और मुझे इस बात की खुशी है, यह काम हम लोग कर पाए.

पीएम ने कहा- आपने अभी तक गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को एक लेखक और एक संगीतकार के रूप में जाना होगा लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि गुरुदेव एक चित्रकार भी थे. हमारे संतों ने अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से सद्भाव, समानता और सामाजिक सशक्तिकरण का सन्देश दिया है. ऐसे ही एक संत थे-संत रविदास.

पीएम मोदी ने कहा-आजादी से 2014 तक जितने Space Mission हुए हैं, लगभग उतने ही Space Mission की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई है. हमने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 Satellites लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है. हम जल्द ही Chandrayaan-2 अभियान से चांद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं. बच्चों के लिए आसमान और सितारे हमेशा बड़े आकर्षक होते हैं. हमारा Space Programme बच्चों को बड़ा सोचने और उन सीमाओं से आगे बढ़ने का अवसर देता है, जो अब तक असंभव माने जाते थे.

जब हमारा sports का local ecosystem मजबूत होगा यानी जब हमारा base मजबूत होगा तब ही हमारे युवा देश और दुनिया भर में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम प्रदर्शन कर पाएंगे.

2 अक्टूबर, 2014 को हमने अपने देश को स्वच्छ बनाने और खुले में शौच से मुक्त करने के लिए एक साथ मिलकर एक चिर-स्मरणीय यात्रा शुरू की थी. भारत के जन-जन के सहयोग से आज भारत 2 अक्टूबर, 2019 से काफी पहले ही खुले में शौच मुक्त होने की ओर अग्रसर है. स्वच्छ भारत अभियान से पांच लाख पचास हजार से अधिक गांवों ने और 600 जिलों ने स्वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया है एवं करीब नौ करोड़ परिवारों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

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