शनिवार को पेट्रोल पहली बार दिल्ली में 80 रुपये के पार पहुंच गया वहीं डीजल भी 72.51 रुपये के रेट को छू चुका है. 39 पैसे की बढ़त के बाद राजधानी में पेट्रोल की कीमत 80.38 रुपए हो गया है. वहीं 44 पैसे की बढ़त के बाद डीजल की कीमत 72.51 रुपए हो गई है. मुंबई में पेट्रोल के दाम 87.77 रुपए प्रति लीटर और डीजल के 76.98 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं.
आम जनता तेल की बढ़ती कीमतों के आग में जल रही है लेकिन इससे राहत पाने के लिए कम से कम दो महीने का उन्हें इंतजार करना पड़ सकता है. नवंबर में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के समय तेल की बढ़ती थम सकती है. दरअसल, कर्नाटक चुनाव से पहले पूरे 20 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ था. वहीं, 12 मई को वोटिंग होने के बाद लगभग 17 दिनों के भीतर ही पेट्रोल के दाम करीब 4 रुपये बढ़ गए थे. इससे पहले 16 जनवरी से 1 अप्रैल के बीच भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव नहीं हुआ था. उस वक्त पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में चुनाव होने थे. इसलिए ऐसी ही कुछ राहत इस साल नवंबर के आसपास मिल सकती है, क्योंकि साल के अंत में राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में चुनाव होने हैं.
तेल की कीमतों में अंधाधुंध बढ़ोतरी हो रही है. पिछले साल जुलाई से रोजाना तेल के दामों में बदलाव की प्रक्रिया शुरु होने के बाद से शुक्रवार को सबसे ज्यादा 50 पैसे की बढ़त हुई. वहीं सरकार ने दाम कम कराने के लिए अपने उपाय अपनाने से हाथ खड़े कर दिए हैं. सरकार एक्साइज ड्यूटी को कम करने से मना कर रही है. वहीं अब तेल की कीमतों में लगी आग को देखते हुए विपक्ष भी लामबंद हो रहा है और अगले हफ्ते भारत बंद का आह्वान किया है.
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