जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी के बाद सीमा से लगे इलाकों में अपना घर-बार छोड़ने को मजबूर हुए लोगों ने सरकार से व्यक्तिगत बंकर बनाए जाने की मांग की है. वर्तमान में ये लोग स्कूलों में बनाए गए शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
पाकिस्तान की तरफ से आए दिन की जाने वाली भारी गोलाबारी से राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर 23 बस्तियों में रहने वाले 5 हजार से अधिक लोगों को चार महीने पहले अपने घरों को छोड़ना पड़ा था
हाल में राजौरी के अलग-अलग सेक्टरों में पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में चार नागरिकों की मौत हुई थी. गोलीबारी में पांच लोग भी घायल हो गए थे.
सोमवार को राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट कर स्थानीय लोगों ने हर घर के लिए व्यक्तिगत बंकर बनाने की मांग की थी. राजनाथ सिंह सोमवार को नौशेरा में सरकार द्वारा स्थापित किए गए छह शिविरों में से एक का दौरा करने पहुंचे थे.
सीमा शरणार्थी समन्वय समिति के अध्यक्ष पुरुषोतम कुमार ने कहा, ‘हमारी पहली और सबसे अहम मांग यह है कि अगर हमें दोबारा नियंत्रण रेखा पर रहना है तो सरकार को सीमा पर बसे हर घर में बंकर बनाना चाहिए. यह नियंत्रण रेखा पर रहने वाले लोगों की सबसे अहम मांग है.’
कुमार ने अपनी मांग से गृह मंत्री को अवगत कराते हुए कहा, ‘हमें भोजन से ज्यादा बंकर की जरूरत है. यह हमारे और हमारे परिवार के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट की तरह है.’
नौशेरा सेक्टर के पांच स्कूलों में बने शिविरों में रह रहे सीमावर्ती इलाकों के निवासी पाकिस्तानी गोलाबारी की वजह से चार महीने बाद भी अपने घर जाने में हिचक रहे हैं.
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