पीट-पीट कर मार दिए गए हरियाणा के डेरी किसान पहलू खान और उसके साथियों के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दर्ज कर दी गई है. सभी आरोपियों पर गौ-तस्करी का केस मढ़ा गया है. राजस्थान पुलिस ने बीते साल अप्रैल में मामला दर्ज किया था. 24 जनवरी को अलवर पुलिस ने बहरोड़ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया.
1 अप्रैल को पहलू खान की हत्या के बाद पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं. पहला, खान की हत्या करने वालों के खिलाफ और दूसरा, खान और उसके सहयोगियों के खिलाफ जो 'गाय की तस्करी' में शामिल बताए जाते हैं.
बहरोड़ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास दर्ज की गई चार्जशीट के मुताबिक पहलू खान और उसके दो साथियों के पास ऐसा कोई कागजात बरामद नहीं हुआ जो साबित कर सके कि उन्होंने 'गाय' खरीदने और ले जाने के लिए इजाजत ली थी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पुलिस ने वीडियो फुटेज का सहारा लेते हुए पहलू खान की हत्या में 9 लोगों को आरोपित किया है. मामला अदालत में चल ही रहा था कि पिछले साल सितंबर में 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया जिनका नाम एफआईआर में दर्ज था. पुलिस ने इन छह आरोपियों का मोबाइल लोकेशन पता करते हुए यह पाया था कि ये लोग घटना के वक्त पहलू खान की पिटाई में शामिल नहीं थे.
24 जनवरी की चार्जशीट में चार लोगों के नाम दर्ज हैं-अजमत और रफीक जो पहलू खान के ही गांव जयसिंहपुर के रहने वाले हैं. अर्जुन लाल यादव और उसके पिता जगदीश प्रसाद का भी नाम है. ये दोनों उस ट्रक को चला रहे थे जिसपर हमला हुआ था.
क्या है चार्जशीट में
दायर चार्जशीट में पहलू खान, अजमत, रफीक और अर्जुन लाल यादव का नाम शामिल किया गया है. आरोप है कि अजमत और रफीक की मदद से पहलू खान गायों कि तस्करी कर रहा था जबकि तस्करी के दौरान अर्जुन ट्रक चला रहा था. घटना के समय एक और ट्रक भी साथ था जिसे अर्जुन का पिता जगदीश प्रसाद चला रहा था.
1 अप्रैल को ये चारों लोग जयपुर के बहरी इलाके से गाय खरीदकर हरियाणा जा रहे थे जब अलवर के पास बेहरोड़ में इनकी गाड़ी पर हमला किया गया. इस दौरान भीड़ ने पहलू की काफी पिटाई कर दी जिसके चलते दो दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इस घटना में अजमत और रफीक भी बुरी तरह घायल हो गए थे जबकि अर्जुन बचकर भाग गया था.
पहलू खान और ये चारों आरोपी जिनमें खान के दो बेटे भी शामिल हैं, 1 अप्रैल को जयपुर के एक पशु मेले से हरियाणा अपने घर लौट रहे थे. उसी वक्त अलवर के बहरोड़ में इनपर हमला हुआ था. हमलावरों ने पहलू खान और उसके सहयोगियों को गाय तस्कर मानते हुए उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया. हमले के दिन बाद पहलू की मौत हो गई. हमले में अजमत और रफीक जख्मी हो गए थे, यादव को भी हमलावरों मारा-पीटा था.
क्या कहता है कानून
जांच पूरी होने के बाद और चश्मदीदों के बयान के मुताबिक, अजमत, रफीक और अर्जुन के खिलाफ राजस्थान गोवंश पशु (अस्थायी प्रवासन या निर्यात का वध और नियमन का निषेध) अधिनियम, 1995 की धारा 5,8,9 के तहत आरोप सिद्ध होते हैं. जगदीश प्रसाद के खिलाफ धारा 6 के तहत आरोप सिद्ध पाए गए हैं. राजस्थान गोवंश पशु (अस्थायी प्रवासन या निर्यात का वध और नियमन का निषेध) अधिनियम, 1995 की धारा 5 के मुताबिक वध के लिए गोवंश को एक्सपोर्ट करना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना निषेध है.
क्या कहा पुलिस ने
बेहरोर पुलिस स्टेशन के हेड कॉन्स्टेबल हारून खान ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित कर सके कि पहलू खान और उसके साथी वैध तरीके से गाय ले जा रहे थे. इन सभी को राजस्थान पशु कानून-1995 की धारा 5,8,9 के तहत चार्ज किया गया है.
किसने मारा पहलू को!
बता दें कि एक अप्रैल को कुछ कथित गौरक्षकों ने पीटा था. अलवर में हुई इस मारपीट का वीडियो भी आया था. इस मारपीट में ओम प्रकाश, हुकम चंद, नवीन शर्मा, सुधीर, राहुल सैनी और जगमाल का नाम आया था लेकिन इन लोगों के खिलाफ राजस्थान पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला और सभी को क्लीन चिट दे दी गई.
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